Thursday, November 7राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

नारी ही है

बबली राठौर
पृथ्वीपुर टीकमगढ़ (म.प्र.)

********************

कहीं-कहीं त्याग की नारी
और मूर्ति महिमा है
इसके रूप कई और वो
माँ की छाँव ममता है
सहनशील रखने वाली
खुशलता की प्रतीक है
घर परिवार को अपना
जीवन देने वाली नारी ही है
कहीं दुर्गा तो कहीं काली बनी
पूजी जाने वाली भी नारी ही है

आज कल तो ये सब एक
सपना सा लगने लगा है
प्राचीन काल की संस्कृति
क्योंकि घिसने लगी है
फिर भी इस जमाने में
कई औरतें सभ्यता संभाले हैं
पहचान, गरिमा को अपना
वक्त देने वाली नारी ही है
कहीं दुर्गा तो कहीं काली बनी
पूजी जाने वाली भी नारी ही है

औरत अगर चाहे तो अपने
घर को स्वर्ग भी बना देती है
मगर ना समझे अपने को,
गलत राहें चल नरक जीवन कर लेतीं हैं
ना समझी अपना कर अपनी
जिन्दगी को खिलौना बनातीं हैं
लालच, महत्वकांक्षा को अपना
सतित्व खोने वाली नारी है
कहीं दुर्गा तो कहीं काली बनी
पूजी जाने वाली भी नारी ही है

परिचय :- बबली राठौर
निवासी – पृथ्वीपुर टीकमगढ़ म.प्र.
घोषणा पत्र : मेरे द्वारा यह प्रमाणित किया जाता है कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीयहिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻  hindi rakshak manch 👈🏻 … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *