श्रीमती लिली संजय डावर
इंदौर (म .प्र.)
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सुनो, मैं आज तुम्हारी पसंद की मलाई कोफ्ते की सब्जी बनाता हूँ, तब तक तुम दूसरे काम निपटा लो, रंजन ने अपनी पत्नी सलोनी से कहा। देखो रंजन मैंने आज वो पुराने गानों के कैसेट्स और सीडीस निकाली हैं जो तुमने मुझे समय समय पर गिफ्ट की, रंजन की बात के जवाब में सलोनी रंजन को वो बॉक्स खोलकर दिखाते हुए बोली। सलोनी अब इनकी क्या जरूरत अब तो हर गीत नेट से सुन सकतें है, रंजन ने फ्रिज में से आलू निकालते हुए कहा, नही रंजन बात सिर्फ गीतों की नही, इन कैसेट्स और सीडीज़ में तुम्हारी स्नेह युक्त भावनाएं छिपी हुई हैं, सलोनी ने प्यार भरी निगाहों से रंजन की ओर देखते हुए कहा।
रंजन और सलोनी दोनो इनकम टैक्स विभाग में अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं, उनके दोनो बच्चे विदेश में पढ़ाई कर रहें है, कोरोना वायरस से सुरक्षा के चलते पूरे देश मे लॉक डाउन है। रंजन जो बहुत अच्छा कुक है आज सलोनी के लिए उसकी पसंद की सब्ज़ी बनाने जा रहा है। सलोनी ने बॉक्स में से सीडी निकाल पुराने गाने लगा दिए और रंजन के साथ साथ काम करते हुए गुनगुनाने लगी ….जनम जनम का साथ है हमारा तुम्हारा, तुम्हारा हमारा।
सलोनी जरा टी वी भी ऑन करो ताकि अपडेट्स मिलते रहे, सलोनी ने टी वी चालू कर न्यूज़ लगाई और फिर से किचन में आकर रंजन की मदद करने लगी।
दोनो खाना प्लेट में लेकर न्यूज़ देखने लगे, रंजन ने टी. वी की आवाज़ तेज़ कर दी, सामने इंडोनेशिया के डॉ. हैदियो अली का फोटो था एंकर बात रही थी कि डॉ. अली कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों का इलाज करते करते स्वयं संक्रमित हो गए, जब उन्हें लगा कि अब वो नही बचेंगे तो वो अपने घर के बाहर गेट पर आए पत्नी को फ़ोन किया, जो प्रेग्नेंट थी, दो छोटे बच्चों के साथ बाहर आई ,अपने दरवाजे पर ही खड़ी रही, डॉ. अली ने सड़क से उन्हें जी भर कर देखा और चले गए। अब तक रंजन और सलोनी की प्लेट में खाना ठंडा हो चुका था, टी वी बंद कर खाना फिर से गर्म किया और खाते-खाते मोबाइल पर नज़र डाली तो एक ग्रुप में पोस्ट चल रही थी कि इटली में एक डॉ. दंपति ने करीब चार सौ सत्तर लोगों की जान बचाई और दोनो संक्रमित हो गए, जब लगा कि जाने का वक्त आ गया है तो दोनो हॉस्पिटल की लांच में आये एक दूसरे को जी भरकर प्यार से देखा और फिर हाथ हिलाकर जुदा हो गए, हमेशा हमेशा के लिए…. ये पोस्ट सही थी या गलत लेकिन रंजन और सलोनी की भरी हुई आंखों से अब स्क्रीन धुंधली दिखाई दे रही थी, रंजन मोबाइल ऑफ कर किचन में प्लेट रखने गया जहां पास के कमरे से एक गीत सुनाई दे रहा था……
कैसी ये जुदाई है,
आंख भर आयी है,
हम मजबूर चले लो दूर चले ……
परिचय :– श्रीमती लिली संजय डावर
सम्प्रति : प्राचार्य शा. हाई स्कूल पेडमी तह. जिला इंदौर
उपलब्धियां व लेखन : विभिन्न शैक्षिक एवं साहित्यिक मंचों से विचार अभिव्यक्ति, संचालन, स्वरचित सरस्वती वंदना, देशभक्तिगीत, विभिन्न विषयों पर कविता, कहानी लेखन।
अन्य : विगत १५ वर्षों तक आकाशवाणी के विभिन्न कार्यक्रमों, वार्ता, सामयिक विषयों पर परिचर्चा, शिक्षा में परीक्षा की तैयारी कैसे करें आदि में सहभागिता।
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