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माँ से मिलना है …

नफे सिंह योगी
मालड़ा सराय, महेंद्रगढ़ (हरि)

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आज सुबह-सुबह दोस्त के यहाँ चंडीगढ़ गृह प्रवेश हवन पूजा के लिए जाते समय अचानक रास्ते में कार का टायर पंचर होने पर ड्राइवर ने कहा सर! टायर बदली करने में थोड़ा समय लगेगा। मैंने खिड़की खोली और बाहर निकला तो देखा कि…एक बूढ़ी अम्माँ गेट पर खड़ी-खड़ी अपने थूक से पल्लू को गिला करके चश्मा पौंछ-पौंछकर मुझे बार-बार ऐसे निहार रही थी जैसे कोई उम्र कैद की सजा पाया हुआ कैदी किसी के आने का इंतजार कर रहा हो और फिर एक हाथ से इशारा करके मुझे बुलाने लगी।
मैंने ड्राइवर से कहा कि….तुम टायर बदली करो मैं आता हूँ। जब मैं थोड़ा नजदीक पहुँचा तो बूढ़ी अम्मा ने वापस जाने का इशारा कर दिया। मैं समझ नहीं पाया … मेरे पैर जाने को कह रहे थे पर मन बूढ़ी अम्माँ के वापस लौटने के इशारे पर काम कर रहा था। मैंने पैरों की भाषा को पहचाना और बुढ़ी अम्माँ के पास जाकर पूछा कि… अम्मा ! क्या हुआ ???? पहले तो आप बुला रही थी और अब बिना मिले ही वापिस भेज रही हो। बूढ़ी अम्माँ ने भारी स्वर में कहा कि …बेटा ! मैंने सोचा कि … शायद मेरा दीपू आया है, तुम नजदीक आये तो पता चला कि … दीपू नहीं है। इसलिए वापस जाने को कहा। इतना बोलते ही आँसूओं ने पलकों का बाँध तोड़ दिया और गालों पर बनी झुर्रियों के जरीए आंचल की ओर निर्झर झरने की ज्यों झरने लगे।
तब तक ड्राइवर भी टायर बदली कर चुका था। जल्दी आओ साहिब ! लेट हो जाएँगे ड्राइवर ने पुराने कपड़े से हाथ पौछते हुए कहा। मैं मुड़ा तो देखा ….गेट के ऊपर लिखा था
“वेदना वृद्धाश्रम” बूढ़ी अम्माँ की बात तेरे कानों में निरंतर गूँज रही थी। मैं गाड़ी में बैठा और ड्राइवर से कहा कि … गाड़ी वापस घर ले चलो। ड्राइवर ने अचंभित स्वर में पूछा … क्या हुआ सर ???? मैंने रुमाल से आँखें पौंछते हुए कहा कि… माँ से मिलना है जो… पिछवाड़े के कमरे में अकेली रहती है।

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परिचय :
नाम : नफे सिंह योगी मालड़ा
माता : श्रीमती विजय देवी
पिता : श्री बलवीर सिंह (शारीरिक प्रशिक्षक)
पत्नी : श्रीमती सुशीला देवी
संतान : रोहित कुमार, मोहित कुमार
जन्म : ९ नवंबर १९७९
जन्म स्थान : गांव मालड़ा सराय, जिला महेंद्रगढ़(हरि)
शैक्षिक योग्यता : जे .बी .टी. ,एम.ए.(हिंदी प्रथम श्रेणी)
अन्य योग्यताएं : शिक्षा अनुदेशक कोर्स
शारीरिक प्रशिक्षण कोर्स
योगा कोर्स में स्वर्ण पदक
वॉलीबॉल कोचिंग कोर्स
जूनियर कम्बैट लिडर कोर्स
कार्यक्षेत्र सैनिक कर्तव्य
अभिरुचियाँ : कविता लिखना,गाना,
योग करना-करवाना और जोश भरना
प्रकाशित पुस्तकें : देश की बात
मंजिल से पहले रुकना मत
मौत से मस्ती (काव्य संग्रह)
प्रकाशनाधीन कृति
मिलन (कहानी संग्रह)
ये फर्ज अदा करना होगा (काव्य संग्रह)
म्हारी माटी म्हारी शान (रागनियाँ)
विशिष्ट उपलब्धियाँ : १८ वर्षों से सैन्य पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का निरंतर प्रकाशन। सेना में डिवीजन स्तर पर कविता पाठ, निबंध लेखन एवं वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में अनेक बार पुरस्कृत। हिंदी साहित्य की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का निरंतर स्वागत। स्वामी रामदेव योग गुरु द्वारा प्रशंसा पत्र। संयुक्त राष्ट्र संघ शांति सेना सेवा के दौरान ब्रिगेड कमांडर द्वारा पुरस्कृत। निर्मला स्मृति हरियाणा गौरव साहित्य सम्मान से सम्मानित। भारतीय सेना के दक्षिणी कमान के कमान अधिकारी महोदय द्वारा विशिष्ट उपलब्धियों हेतु प्रशंसा पत्र और सेना में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी एवं मंच संचालन का २० वर्षों का अनुभव।


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