Saturday, September 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

तुम फिर एक दिन मिलने आना

मुकेश सिंह
राँची (झारखंड)

********************

चाँद का चमकीला उजास,
जगा रहा इस दिल की प्यास,
फैला है ऐसा प्रकाश,
जैसे मोती जड़े हों
टिमटिमाते तारों पर,
मन आज फिर खड़ा है़
यादों के चौराहे पर।
मुझे न ये चाँद चाहिए
न ये फलक चाहिए,
मुझे तो बस तेरी
एक झलक चाहिए,
आज भींगी है पलकें
फिर तुम्हारी याद में,
काश! कुछ ऐसा होता
की हम तुम होते साथ में।
याद है जब आँखों में सजा के
सपने, हम तुमसे मिलने आए थे,
याद है क्या वो पल
जब देख तुम्हें मुस्कुराए थे,
वो पहली बार छुअन से
मेरी तुम छुईमुई से शरमाए थे,
धड़कनों में तुम्हारी बस
हम ही हम समाए थे ।
याद है़ वो हाथों में हाथ लेकर,
हम साथ-साथ थे टहले,
पर अब तो ये कमबख्त
दिल ए बहलाने से न बहले,
तेरी लहराती जुल्फों ने
मेरे मन को भरमाया था,
पाया था सर्वस्व प्रेम का
जब तुमने गले लगाया था।
तुम्हारे बदन की खुशबू
मेरी सांसों मैं समाई है,
सपनों में तो जाने कितनी
बार तू मिलने आई है,
मजबूरी है, ये दूरी है
पर तुम भूल ना जाना,
तेरा रास्ता देखे आँखें,
तुम फिर एक दिन मिलने आना।

.

परिचय :- मुकेश सिंह
निवासी : राँची (झारखंड)


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.comपर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻hindi rakshak manch 👈🏻 हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *