होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ हरियाणा
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बड़ा कातिल चेहरा है,
होता है जन को नाज,
लो तुम्हें मैं बतलाता,
मासूम चेहरे का राज।
प्यारी सी सूरत लगती,
सिर पर रखा है ताज,
बहुत छुपा रखा जन,
मासूम चेहरे का राज।
धर्म कर्म की बात पर,
हो जिस पर हमें नाज,
कृति के पन्नों में छुपा,
मासूम चेहरे का राज।
देेश सीमा पर जा रहे,
सुरक्षा उनके सरताज,
कहीं पैर न डगमगाएं,
मासूम चेहरे का राज।
हसरतें छुपा प्यार की,
दफन हैं दिल में राज,
भेद अब न खुल जाये,
मासूम चेहरे का राज।
मां का साया उठ गया,
पिता नहीं रहे हैं आज,
दर्द भरा दिल पुकारता,
मासूम चेहरे का राज।
राज्य भर में टाप रहा,
हर मानव को है नाज,
मन ही मन छुपा रहा,
मासूम चेहरे का राज।
गणेश जी ध्यान धरा,
संपूर्ण हुये सब काज,
सारी खुशियां छुपाई,
मासूम चेहरे का राज।
सूदखोर लो खा रहा,
गरीब जन का ब्याज,
आगे की सोच बताए,
मासूम चेहरे का राज।
चरवाहा जंगल घूमता
खाये रोटी संग प्याज,
प्रभु लीला सोच बना,
मासूम चेहरे का राज।
राजा बूढ़ा हो चला है,
प्रजा का सिर पर ताज,
राजकुमार की सोच है,
मासूम चेहरे का राज।
बुजुर्ग सौ साल जिया,
पुत्र कर रहे हैं काज,
दान दक्षिणा की सोच,
मासूम चेहरे का राज।
चोर-उचक्का चोरी से,
नहीं आता कभी बाज,
बचने की तरकीब है,
मासूम चेहरे का राज।
वक्त बना देता मासूम,
दिल बसे लोक लाज,
पाने की हसरतें बनी,
मासूम चेहरे का राज।।
परिचय :- होशियार सिंह यादव
जन्म : कनीना, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा
पिता : स्व. श्री जयनारायण (कवि) एवं गोपालक देहांत १९८९
मां : स्व. मिश्री देवी गृहणि देहांत २०१६
निवासी : महेंद्रगढ़ हरियाणा
शिक्षा : पीएच. डी. (जारी) एम. एससी (बायो एवं आईटी), एम.ए. (हिंदी, अंग्रेजी एवं राजनीति शास्त्र), एमसीए, एम. एड., पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर, पी जी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एवं मास कम्यूनिकेशन, पी जी डिप्लोमा इन गांधियन स्टडिज, गोल्ड मेडलिस्ट पंजाब वि.वि.।
रचनाएं : अब तक विभिन्न विषयों पर २४ पुस्तकें प्रकाशित। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित, विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में कहानी, लेख, मुक्तक, क्षणिकाएं, प्रेरक प्रसंग, कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं।
हरियाणा साहित्य अकादमी से अनुमोदित पुस्तकों में : आवाज, बाल कहानियां, उपयोगी पेड़ पौधे, शिक्षा एक गहना
व्यवसाय : लेखक, पत्रकार एवं शिक्षण कार्य में श्रेष्ठता।
सम्मान : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा कहानी लेखन में प्रथम पुरस्कार सहित पांच दर्जन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित। महेंद्रगढ़ न्यायाधीश द्वारा रजत पदक से सम्मानित। अरुंधती वशिष्ठ अनुंसधान पीठ द्वारा देशभर से आयोजित निबंध लेखन में एक्सीलेंस अवार्ड। हरियाणा के राज्यपाल से पुरस्कृत। तीन शोध भी प्रकाशित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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