होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ हरियाणा
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स्वतंत्रता सेनानी, क्रांतिकारी भगत सिंह नाम था,
आजादी रग रग में बसे, आजादी पाना काम था,
अंग्रेजों से किया मुकाबला, आजादी दीवाना था,
अत्याचारों के आगे न झुके, ऐसा वो परवाना था।
केंद्रीय संसद में बम फेंके, सांडर्स को जाके मारा,
सुनकर उनकी दीवानगी, खून खौलता है हमारा,
रंग दे बसंती चोला गीत, सिर चढ़कर बाला था,
अंग्रेजी हुकूमत खातिर, बम, बारूद व गोला था।
असहयोग आंदोलन जब, पूरे देश में फेल हुआ,
भगत सिंह, राजगुरु सुखदेव, क्रांतिकारी नाम दिया
बंगा गांव में जन्में थे, भागोंवाला उन्हें नाम दिया,
ऐसा बहादुर वीर जिन्होंने पूरे जग में नाम किया।
जिस दिन उनका जन्म हुआ, शुभ दिन कहलाया
उस दिन उनके चाचा अजीत, सुवर्ण, कृष्ण आये
उनके पिता किशन सिंह, निज भाई गले से लगाये
भगत की दादी मां, बेटों को देखकर अति हर्षाये
२३ मार्च १९३१ को अंग्रेजों ने, उनको दी फांसी,
राजगुरु सुखदेव संग, भगत को आई बड़ी हाँसी
फांसी से पहले उन्हें लेनिन की जीवनी भी पढ़ी,
भारत के अमर सपूत ने, हंसके फांसी फिर चढ़ी
सदियों बाद ऐसे वीर होते जो देश के मतवाले हो
सुनकर उनकी दास्तान हर माता मन ही मन रो
ऐसे वीर को नमन आज, जिसने दी आजादी भोर
फांसी देकर अंग्रेज कांप उठे, पूरे जग मचा शोर।
परिचय :- होशियार सिंह यादव
जन्म : कनीना, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा
पिता : स्व. श्री जयनारायण (कवि) एवं गोपालक देहांत १९८९
मां : स्व. मिश्री देवी गृहणि देहांत २०१६
निवासी : महेंद्रगढ़ हरियाणा
शिक्षा : पीएच. डी. (जारी) एम. एससी (बायो एवं आईटी), एम.ए. (हिंदी, अंग्रेजी एवं राजनीति शास्त्र), एमसीए, एम. एड., पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर, पी जी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एवं मास कम्यूनिकेशन, पी जी डिप्लोमा इन गांधियन स्टडिज, गोल्ड मेडलिस्ट पंजाब वि.वि.।
रचनाएं : अब तक विभिन्न विषयों पर २४ पुस्तकें प्रकाशित। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित, विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में कहानी, लेख, मुक्तक, क्षणिकाएं, प्रेरक प्रसंग, कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं।
हरियाणा साहित्य अकादमी से अनुमोदित पुस्तकों में : आवाज, बाल कहानियां, उपयोगी पेड़ पौधे, शिक्षा एक गहना
व्यवसाय : लेखक, पत्रकार एवं शिक्षण कार्य में श्रेष्ठता।
सम्मान : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा कहानी लेखन में प्रथम पुरस्कार सहित पांच दर्जन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित। महेंद्रगढ़ न्यायाधीश द्वारा रजत पदक से सम्मानित। अरुंधती वशिष्ठ अनुंसधान पीठ द्वारा देशभर से आयोजित निबंध लेखन में एक्सीलेंस अवार्ड। हरियाणा के राज्यपाल से पुरस्कृत। तीन शोध भी प्रकाशित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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