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सरस्वती वंदना

परमानंद निषाद
छत्तीसगढ, जिला बलौदा बाज़ार

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हे हंस वाहिनी, ज्ञान दायिनी।
ज्ञान का प्रकाश दो,ज्ञान का प्रकाश दो।
तुम स्वर की देवी है तुझसे संगीत,
हर शब्द तेरा है तुझसे गीत।
विद्या तुम देने वाली,
ज्ञान का प्रकाश भरो।
मोह, माया और अज्ञान का,
संसार से उसका अंत करो।
सिर झूंका कर मांगू मां,
मेरा सपना स्वीकार करो।
तेरे चरणों में आया हूं,
करदो मेरा उद्धार मां।
श्वेत हंस की करे सवारी,
और श्वेत वस्त्र धारण किये।
मां शारदे श्वेत हंस में बैठे,
कंद पर रखे अपना चरण।
मांग रहा हूं तुझको मां,
मैं विद्या का वरदान।
मैं तेरे शरण मे आया हूं मां,
दो मुझे विद्या का वरदान।

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परिचय :-परमानंद निषाद
निवासी – छत्तीसगढ, जिला – बलौदा बाज़ार


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