Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

चंदन

प्रीति जैन
इंदौर (मध्यप्रदेश)

********************

जीवन की तपती तपिश में,
मैं जलकर निखरता मृदु कुंदन
मन में बसे घावों पर तेरी प्रीत,
मल दिया जैसे शीतल चंदन

सांसो में बसे हो ऐसे के
संदल की मनमोहक महक
रूप सुनहरा चंचल, भोर के
प्रहर की हो पहली झलक
लिपट जाओ नागिन सी,
खड़ा हूं पसारे बाहुपाश का बंधन
मैं जलता एक अंगारा,
छुअन तुम्हारी भीगा सा चंदन

महका मन का उपवन,
जब यादें घिरी मन नंदनवन मे
घिरी गंध गुलाबों सी,
मंत्रमुग्ध हुए प्रिये आलिंगन में
घेरे हुए हैं मुझे सांसो की लय पर,
अमूर्त जीवन का स्पंदन
प्रेम की तपन में या चंद्रमा सी
छुअन में, तू महकता चंदन

राह तकते तकते प्रिये,
पतझड़ सी वीरान हुई
सुरमई अखियां
शाख से झरने लगे हैं पत्ते,
तेज़ आंधियों में झुकी डालियां
मधुमास बन उतरो ह्रदयतल में,
मन के मरुस्थल को
कर दो मधुबन
तु मृग कस्तूरी प्रियतम,
कस्तूरी गंध से हुआ
यह मन चंदनवन

सत्य के धरातल पर,
मंद मंद हो चली
रश्मि तेरे रूप की
अग्नीपथ से जीवन पथ पर,
उम्मीद का उजियारा,
सादगी के धूप की
अंधियारी राहों के पथ में,
मन आल्हादित करें
तेरा भोला चितवन
मैं धूल हूं मरुस्थल की,
तू मीरा के माथे का
महका चंदन

भटकता रहा जीवन की
डगर धूमिल, मूल्यवान,
अनमोल तू कंचन
नृत्य कराता क्षणभंगुर जीवन,
हो सांखल चाहे घुंघरू का बंधन
तू अमृत कलश,
मै विष का प्याला,
हो तेरे मेरे प्रेम का मंथन
चीता जले मेरी प्रिये,
हो तेरे आंसुओं का
अमूल्य भीगा चंदन

परिचय :- प्रीति धीरज जैन
निवासी : इंदौर (मध्यप्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *