Sunday, November 24राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

साईं दोहावली

अरविन्द सिंह गौर
इंदौर (मध्यप्रदेश)

********************

श्री गणेश को नमन कर श्री साईं का ले नाम।
श्रध्दा-सबूरी मन में रखो पूरन होगे सब काम।।
कलयुग के अवतार है साईंनाथ
हमारे करतार है साईंनाथ।
करते उपकार है साईंनाथ
पतित पावन साईंनाथ।०१।

कष्ट बडे जब दास पूकारे
दूर करो साईं दुख हमारे।
नीम तले प्रकटे साईंनाथ
पतित पावन साईंनाथ।०२।
________
चांद ने अपनी घोडी को बहुत तलाशा
पता बताकर साईं ने जगाई आशा।
चांद के साथ चले साईंनाथ।
पतित पावन साईंनाथ।०३।

बारात में फकिर शिर्डी पधारे
माल्सापति ‘‘आओ साईं‘‘ पूकारे
द्वारकामाई मसिद में निवासे साईंनाथ।
पतित पावन साईंनाथ।०४।

भक्तो ने खोदा नीम स्थान
नीचे जल रहे चार दिए महान।
यही लगाते समाधी साईंनाथ।
पतित पावन साईंनाथ।०५।

द्वारकामाई मसिद में होता साईं का दर्शन
साईं करते दूर बाहरी आकर्षण।
यही निवासे साईंनाथ
पतित पावन साईंनाथ।०६।

रामनवमी मनाने का हुआ विचारा
साईं ने इसे सहर्ष स्वीकारा।
राम ही साक्षात साईंनाथ
पतित पावन साईंनाथ।०७।

साई जीवनी लिखने का हेमाडपंत को
आया विचार साईं हो गये सहर्ष तैयार।
जीवनी लिखते स्वंय साईंनाथ
पतित पावन साईंनाथ।०८।

शिर्डी में बाबा मागें भिक्षा
देते सबको ज्ञान की शिक्षा।
भक्ती-मुक्ती देते साईंनाथ
पतित पावन साईंनाथ।०९।

शिर्डी में एक धनवान आया
बह्म ज्ञान दे दो यही अभिलाषा।
सत्य देते बह्म ज्ञान साईंनाथ
पतित पावन साईंनाथ।१०।

साईं शयन को तख्ता आया
पुरानी चिन्दीयो से साईं ने लटकाया।
यही शयन करते साईंनाथ
पतित पावन साईंनाथ।११।

शक्कर त्यागकर चोलकर आया
साईं दर्शन कर बहुत हर्षाया।
मिठी चाय इसको दो कहते
साईंनाथ पतित पावन साईंनाथ।१२।

बायजा माँ साई बाबां को भोजन कराने नित
जंगल जाती उसके बाद स्वंय भोजन पाती।
द्वारकामाई में ही भोजन करते साईंनाथ
पतित पावन साईंनाथ।१३।

दासगणु आज्ञा लेने द्वाराकामाई आया
प्रयाग स्नान का साईं को कारण बताया।
चरणों से निकालते गंगा साईंनाथ
पतित पावन साईंनाथ।१४।

रूग्ण दशा में एक वाघ आया
साईं सम्मुख उसने शीश झुकाया।
वाघ को मुक्ती देते साईंनाथ
पतित पावन साईंनाथ।१५।

लक्ष्मी बाई को मिला साईं का सानिध्य
साईं सेवा करती थी वो नित्य।
नवधा भक्ती देते साईंनाथ
पतित पावन साईंनाथ।१६।

बुटी साहेब को आया स्वप्न
साईं बोले मन्दिर बनाओ बाडे के संग।
यही पर रहते साईंनाथ
पतित पावन साईंनाथ।१७।

मन्दिर बनाने की बुटी ने मन में ठानी
श्रीकृष्ण के स्वरूप बनाने की हुई तैयारी।
श्री कृष्ण रूप बन गये साईंनाथ
पतित पावन साईंनाथ।१८।

तात्या के प्राण त्यागने की साईं ने भविष्यवाणी
तात्या के लिए चिंतित थे शिर्डीवासी।
तात्या के बदले प्राण त्यागते साईंनाथ
पतित पावन साईंनाथ।१९।

बुटी बाडे में बनाई साईं समाधी
दर्शन करने वालो की मिटती है क्षय-व्याधी।
भक्तो को यंही दर्शन देते साईंनाथ
पतित पावन साईंनाथ।२०।

पूर्ण हुई दोहावली है साईं सच्चरित्र है
आधार नमन करूं साईंनाथ को जग के पालनहार।
‘‘अरविन्द‘‘ केवल लिख रहा प्रेरणा देते साईंनाथ
पतित पावन साईंनाथ।२१।

परिचय :- अरविन्द सिंह गौर
जन्म तिथि : १७ सितम्बर १९७९
निवासी : इंदौर (मध्यप्रदेश)
लेखन विधा : कविता, शायरी व समसामयिक
सम्प्रति : वाणिज्य कर इंदौर संभाग सहायक ग्रेड तीन के पद में कार्यरत
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें….🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *