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बलिदान वीरों का

दुर्गादत्त पाण्डेय
वाराणसी
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बलिदान उन वीरों का
याद हमें रखना होगा
न्योछावर किए वो प्राण
एहसास हमें रखना होगा

मातृभूमि के चरणों में
मस्तक अपना चढ़ा दिए
देश-प्रेम की खातिर
काँटों पर खुद को बिछा दिए
माँ भारती के सपूतों का
इतिहास हमें पढना होगा
न्योछावर किए वो प्राण
एहसास हमें रखना होगा

भगत सिंह के जज़्बे को
नमन व सलाम है
आजाद के हौसले से
आजाद हिंदुस्तान है
गद्दारों से लड़ते-लड़ते
मातृभूमि वो छोड़ गए
बलिदान देकर वो
इतिहास तक को मोड़ गए
इनकी देशभक्ति की
वंदना करना होगा
न्योछावर किये वो प्राण
एहसास हमें रखना होगा

भारत की, ये आजादी
उस मंजिल तक पहुंचना होगा
जाति-पाति के भेदभाव को
जड़ से हमें मिटाना होगा
राष्ट्रपिता के अल्फाजों को
अभिनंदन करना होगा
न्योछावर किए वो, प्राण
एहसास हमें रखना होगा !!

परिचय : दुर्गादत्त पाण्डेय
सम्प्रति : परास्नातक (हिंदी साहित्य ) डीएवी पीजी कॉलेज, बनारस यूनिवर्सिटी वाराणसी
निवासी : वाराणसी

घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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