दिलीप कुमार पोरवाल (दीप)
जावरा म.प्र.
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सब है अपने अपने घरों में
अब कौन ले सुध इनकी
ये कैसे हालात है
ये कैसी बेबसी है
ना कोई आशिया है
ना कोई सहारा है
जाए तो जाए कहां
जाए तो जाए कैसे
ना सड़क पर कोई वाहन
ना ट्रेक पर कोई ट्रेन
चले जा रहे है निराशाओं में
निराशाओं का ना कोई पारावार है
खाने पीने के है लाले
पैरों में पड़ गए है छाले
कंठ है सूखा
पेट है भूखा
हाथो में नौनिहाल
सिर पर गठरी
चले जा रहे है बेतहाशा
बचाने को जान अपनी
कोरोना का ये कैसा रोना है
भूख प्यास से मर जाना है
चले थे घर से पलायन कर
कुछ रोजी रोटी कमाने को
मा बाप को घर छोड़ कर
आज ये कैसे हालात है
चले जा रहे है
बस चले जा रहे है
पलायन वापसी पर।
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परिचय :- दिलीप कुमार पोरवाल “दीप”
पिता :- श्री रामचन्द्र पोरवाल
माता :- श्रीमती कमला पोरवाल
निवासी :- जावरा म.प्र.
जन्म एवं जन्म स्थान :- ०१.०३.१९६२ जावरा
शिक्षा :- एम कॉम
व्यवसाय :- भारत संचार निगम लिमिटेड
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