Sunday, December 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

निश्चिंतता

निश्चिंतता

रचयिता :  कुमुद के.सी.दुबे

=====================================================================================================================

मनन शादी के बाद पहली बार पत्नी माला को लेकर लखनऊ से भोपाल आ रहा था। उसने पहले से किराये का घर लेकर गृहस्थी की आवश्यक सामग्री जुटा रखी थी। मकान के ऊपरी तल पर मकान मालिक सिंह दम्पती रहते थे। उनकी एक ही बेटी थी जो शादी के बाद दिल्ली में सेटल थी।
मनन ने माला को शादी के पहले बता रखा था कि पापा के बिजनेस के कारण माँ और पापा भोपाल में हमारे साथ नहीं रह पायेंगे। मेरा ऑफिस रहेगा, तुम्हें दिनभर घर में अकेले ही रहना होगा। माला समझदार थी, उसने सहजता से आने वाली परिस्थिति को स्वीकार कर लिया था।
फ्लाईट में बैठे मनन सोच रहा था कि संयुक्त परिवार में पली-बडी माला, दिनभर अकेले कैसे रहेगी ?
वह सोच में डूबा हुआ था कि फ्लाईट भोपाल पहुँच गई।
मनन ने एरोड्रम से बाहर आकर ओला बुक करने मोबाईल निकाला ही था कि दोस्त समीर ने गुलाब के फूलों से सजी कार सामने लाकर खड़ी कर दी। जैसे ही घर पहुंचे सिंह अंकल-आंटी आरती का थाल लिये अडोस-पडोस के कुछ लोगों के साथ इन्तजार कर रहे थे।
बकायदा ढोल बजाये गये, जयमाला कराई गई, सभी ने नये जोडे़ का स्वागत हार-फूल से किया। देहलीज पर रंगोली और दरवाजे पर बंदनवार की सजावट थी। पूरा घर फूलों से सजाया गया था। सिंह आंटी ने मनन और माला को दहलीज के भीतर कदम रखते ही गले लगा लिया, नव विवाहित जोडे़ को ढेर सारा आशीर्वाद दिया। उनकी आंखो में छलके आंसू खुशी का इजहार कर रहे थे। विवाहित जोडे़ के साथ दोस्तों, पडोसियों को भी मिठाई खिलाई गई। पूरे घर में जश्न-सा माहौल था। जैसे उनके ही घर मे नई बहू का पहला कदम पड़ा हो।
मनन इस अहसास को लेकर निश्चिन्त-सा हो गया था कि उसे अनजान शहर में कोई अपना-सा, एक परिवार मिल गया है।

लेखिका परिचय :-  कुमुद के.सी.दुबे
जन्म- ९ अगस्त १९५८ – जबलपुर
शिक्षा- स्नातक
सम्प्रति एवं परिचय- वाणिज्यिककर विभाग से ३१ अगस्त २०१८ को स्वैच्छिक सेवानिवृत। विभिन्न सामाजिक पत्र पत्रिकाओं में लेख, कविता एवं लघुकथा का प्रकाशन। कहानी लेखन मे भी रुची।
इन्दौर से प्रकाशित श्री श्रीगौड नवचेतना संवाद पत्रिका में पाकशास्त्र (रेसिपी) के स्थायी कालम की लेखिका।
विदेश प्रवास- अमेरिका, इंग्लैण्ड एवं फ्रांस (सन् २०१० से अभी तक)।

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर कॉल करके सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com सर्च करें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा (SHARE) जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com  कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने मोबाइल पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक के ब्राडकॉस्टिंग सेवा से जुड़ने के लिए अपने मोबाइल पर पहले हमारा नम्बर ९८२७३ ६०३६० सेव के लें फिर उस पर अपना नाम और प्लीज़ ऐड मी लिखकर हमें सेंड करें…

विशेष सूचना-लेख सहित विविध विषयों पर प्रदर्शित रचनाओं में व्यक्त किए गए विचार अथवा भावनाएँ लेखक की मूल भावना है..http://hindirakshak.com पोर्टल 
या हिंदी रक्षक मंच ऐसी किसी भी कृति पर होने वाले किसी विवाद और नकल (प्रतिलिपि अधिकार) के लिए भी बिल्कुल जिम्मेदार नहीं होगा,इसका दायित्व उक्त रचना
सम्बंधित लेखक का रहेगा। पुनः स्पष्ट किया जा रहा है कि, व्यक्त राय-विचार सम्बंधित रचनाकार के हैं, उनसे सम्पादक मंडल का सहमत होना आवश्यक नहीं है। 
धन्यवाद। संस्थापक-सम्पादक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *