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रिश्ते

रुचिता नीमा
इंदौर म.प्र.

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अजीब से रिश्ते इस दुनिया के
अजीब सी है रिश्तों की दुनिया
तरह तरह के किरदार मे
लोगों को बहकाती दुनिया

कोई सगा, कोई सौतेला,
कोई अपना तो कोई पराया
तरह-तरह के संबंधों को
अपने ढंग से निभाती दुनिया
लेकिन सब रिश्तों को पीछे
छिपी हुई है स्वार्थ की दुनिया

बड़ी मुश्किल से मिलेंगे
इस दुनिया मे निस्वार्थ के रिश्ते…
ऐसे रिश्तों को ही केवल,
दिल से निभाती है दुनिया
बाकी तो सब दिखावे के है रिश्ते
जो सिर्फ बेमतलब निभाती है दुनिया…..

रुचि!!!!
मत उलझ इन रिश्तों के भंवर में
सबको भटकाती है ये दुनिया
चलती जाओ बस कर्म पथ पर
सुलझती जाएगी ये रिश्तों की दुनिया
अजीब से रिश्ते इस दुनिया के
अजीब सी है रिश्तों की दुनिया

परिचय :-  रुचिता नीमा जन्म २ जुलाई १९८२ आप एक कुशल ग्रहणी हैं, कविता लेखन व सोशल वर्क में आपकी गहरी रूचि है आपने जूलॉजी में एम.एस.सी., मइक्रोबॉयोलॉजी में बी.एस.सी. व इग्नू से बी.एड. किया है आप इंदौर निवासी हैं।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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