Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

रे माधो

लज्जा राम राघव “तरुण”
बल्लबगढ, फरीदाबाद

********************

रे माधो! सुख है दुख के आगे।..
मन की तनिक लगाम खींच,
फिर सोई आत्मा जागे।
रे माधो सुख है दुख के आगे।..
मन तुरंग पर चढ रावण ने सीता जाय चुराई।
हनुमत संग सुग्रीव लिए श्री राम ने करी चढ़ाई।
देख सामने मौत दुष्ट को नहीं समझ में आई।
फिर राम लखन ने जा लंका की ईंट से ईंट बजाई।
लंका भस्म हुई सारी सब छोड़ निशाचर भागे।
रे माधो! सुख है दुख के आगे।..
बाली ने कर घात भ्रात से पाप किया था भारा।
भाई की घरवाली छीनी नाम सुमति था तारा।
गदा युद्ध प्रवीण बालि सुग्रीव बिचारा हारा।
राम सहायक बने तुरत पापी को जाय संहारा।
बड़े बड़े बलवान सूरमा काल के गाल समागे।
रे माधो! सुख है दुख के आगे।.
भक्ति में हो लीन ‘ध्रुव’ तारा बन नभ में छाये।
शबरी की भक्ति वश झूठे बेर राम ने खाए।
भागीरथ तप घोर किया गंगा धरती पर लाये।
दानव सुत प्रह्लाद बचाने भू पर विष्णु आये।
“विषय” छोड प्रभु भक्ति कर अब सोच न ज्यादा आगे।
रे माधो! सुख है दुख से आगे।..
मीरा ने तप कर करके अपना जीवन सफल बनाया।
प्रेम-भक्ति कर सूरदास ने उच्च-भक्त पद पाया।
हरि सुमिरन में लीन भक्त रैदास संत कहलाया।
अब तो चेत अभागे तूने बिरथा जन्म गंवाया।
हरि सुमिरन से जीवन सुधरे अब तो चेत अभागे।
रे माधो! सुख है दुख से आगे।

 

परिचय :- लज्जा राम राघव “तरुण”
जन्म:- २ मार्च १९५४

शिक्षा :- एम. ए. (हिंदी अंग्रेजी) बी. एड.,बी. ए. (हिंदी ऑनर्स)
लेखन: कविता, लघु कथा, कहानियां, गजल देश की विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित ।
प्रकाशन :- “आंखें देखी लघु कथाएं” लघुकथा संग्रह, “रुको तो सही एक बार” काव्य संग्रह, “आग़ाज़” गजल संग्रह।
पुरस्कार :- १. वर्ष २००४ में “महाराष्ट्र दलित साहित्य अकादमी” द्वारा “प्रेमचंद पुरस्कार”
२. २००८ में शिक्षा क्षेत्र व दहेज विरोधी आंदोलन में उत्कृष्ट कार्यो के लिए “दहेज विरोधी सम्मान”
३. शिक्षा के क्षेत्र में डीएवी संस्था द्वारा सम्मान पत्र
४. २६ जनवरी २०१२ को शिक्षा के क्षेत्र, व जनसंख्या कार्य में उत्कृष्टता के लिए जिला प्रशासन व हरियाणा सरकार द्वारा “रजत- पदक” से सम्मानित
५. १५ अगस्त २०१३ को शिक्षा के क्षेत्र व अन्य कार्यों में उत्कृष्टता के लिए हरियाणा सरकार द्वारा “राष्ट्रपति रजत-पदक” व “प्रशंसा- पत्र” से सम्मानित।
६. २०१४ में शिक्षा व साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यो के लिए “भगत श्री मेवालाल मेमोरियल ट्रस्ट” द्वारा “राष्ट्र निर्माता सम्मान” से सम्मानित।
७. २०१७ में आर .डब्ल्यू.ए. सेक्टर- ५५ फरीदाबाद द्वारा “फरीदाबाद गौरव” सम्मान
८. २०१८ में सर्व भाषा ट्रस्ट नई दिल्ली द्वारा “सूर्यकांत त्रिपाठी निराला सम्मान” से सम्मानित । संप्रति:- हरियाणा शिक्षा विभाग से प्रवक्ता अंग्रेजी के “राज प्रत्रित” पद से सेवानिवृत्ति के बाद स्वतंत्र लेखन।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻  hindi rakshak manch 👈🏻 … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *