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रंग रसिया

मधु अरोड़ा
शाहदरा (दिल्ली)
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तुमसे प्यार किया रंग रसिया
बसे हो मेरे मन बसिया
दिल, धड़कन, आत्मा में तुम हो
जित देखूं ‌उत ओर तुम हो
ओ मुरारी ओ त्रिपुरारी
तुम बिन सुनी सुनी गलियां,
कहां छुपे हो आओ मोहन,
नजरों से अपना बना लो मोहन
तुमसे प्यार किया रंग रसिया,
तेरी मुरलिया की धुन खींचे।
अपने प्यार में पागल कर दे,
मैं बावरिया घर छोड़ के आई
दूध उफनता छोड़ के आई,
रंगरसिया तू न समझे
तेरी छवि मोहे पागल कर दे,
मन में मेरे आकर्षण भर दे।
खींची आऊं मैं ‌दर पर तेरे,
प्यार का मीठा रंग‌‌ वो भर दे
रंग रसिया मेरे मन बसिया,
तेरी छवि मोहे दीवाना कर दे।।

परिचय :– मधु अरोड़ा
पति : स्वर्गीय पंकज अरोड़ा
निवासी : शाहदरा (दिल्ली)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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