Friday, November 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

राम मंदिर निर्माण

बिपिन कुमार चौधरी
कटिहार, (बिहार)

********************

बड़े दिनों बाद हो रहा, राम मंदिर का निर्माण,
बड़े दिनों बाद हो रहा, बहुसंख्यक भावनाओं का सम्मान,
बड़े दिनों बाद हो रहा, एक जटिल समस्या का निदान,
हैरान हूं देखकर, देश में क्यों मचा है, एक अजीब घमासान,
किसी का जबरन धर्म नहीं बदला है, कर्म नहीं बदला है,
हमारे राम हैं बहुत दयालु, उनके भक्त नहीं इतने हैवान,
फिर भी चारों ओर शोर बहुत है, आख़िर कैसा यह तूफान,
ग़रीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा और महामारी,
किसानों की लाचारी, परेशान है कारोबारी,
राम मंदिर नहीं बने तो क्या ख़त्म हो जायेगी सारी बीमारी,
समस्याएं बहुत है, कुछ नई कुछ पुरानी,
काश्मीरी पंडितो के आंखो का आंसू और दर्दनाक कहानी,
तुष्टिकरण की राजनीति और सत्ता की मनमानी,
राम मंदिर का विरोध और हरकतें बचकानी,
दिल में दबा गुस्सा और मानो खून बना था पानी,
सत्ता के सिरमौर बने, कुछ लोग थे खानदानी,
वक्त ने थोड़ा करवट क्या लिया, आंखो में आ गया पानी,
माना समस्याएं बहुत है लेकिन बनाओ नहीं झूठी कहानी,
हमारा किसी से बैर नहीं, हमसे बैर करने वालों की खैर नहीं,
बहुसंख्यकों की भावनाओं का करो सम्मान,
आख़िर राम मंदिर निर्माण से किसी को क्या है परेशानी…

परिचय :- बिपिन बिपिन कुमार चौधरी (शिक्षक)
निवासी : कटिहार, बिहार
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीयहिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻  hindi rakshak manch 👈🏻 … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *