Thursday, November 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

रायचंद

रायचंद 

===========================================

रचयिता : विजयसिंह चौहान

पिछले दिनों मां के पेट में दर्द की शिकायत को लेकर काकू-अन्नू अस्पताल पहुंचे। चिकित्सीय परीक्षण करने के बाद, चिकित्सक ने सलाह दी कि पेट में १ गेंद के बराबर गठान है, हमे भय है कि, कहीं गठान में कैंसर के जीवाणु ना हो! मशीनी परीक्षण की पुष्टि दो अन्य चिकित्सकों में भी कर दी। अब मां की शल्यक्रिया के लिए मन सहमत हो चुका था।
 उधर अस्पताल में मां से मिलने वाले लोगों का जमावड़ा लगने लगा। मंजू जीजी कह रही थी कि, अस्पताल वाले लूटते हैं, आप तो अन्य पद्धति से इलाज कराओ! शोभा आंटी ने भौहे चढ़ाते हुए कहा…भला,  यह कोई उम्र है मां की? जो ऑपरेशन झेलेगी? कूना भैया ने राय दी, कि इन गांठो का इलाज लेजर पद्धति से भी हो सकता है! वही राजू बेन ने तो गंडे डोरे और ताबीज का सुझाव दे डाला। जितने लोग उतनी बातें ….  माँ, सभी के सुझाव के बीच, दर्द के साथ चुभन का अहसास भी करने लगी।
मरीज को घेरे, परिजन अपनी रायशुमारी कर रहे थे, तभी डॉक्टर साहब का आगमन हुआ… इतने सारे लोगों को देखकर डॉक्टर साहब ने सभी की और मुखातिब होते हुए कहा कि मैं अपने ज्ञान और अनुभव से सर्जरी की बात कह रहा हूं, कृपया आप हमें मरीज का इलाज करने दें।
आप लोग मरीज का मनोबल कम मत कीजिए क्योंकि मरीज अपने आत्मविश्वास से जल्दी ठीक होता है।
डॉक्टर साहब की बात सुनकर रायचंद एक-एक करके विदा लेने लगे ….

लेखक परिचय : विजयसिंह चौहान की जन्मतिथि ५ दिसम्बर १९७० जन्मस्थान इन्दौर (मध्यप्रदेश) है, इसी शहर से आपने वाणिज्य में स्नातकोत्तर के साथ विधि और पत्रकारिता विषय की पढ़ाई की, आप सामाजिक क्षेत्र में गतिविधियों में सक्रिय हैं, वहीं स्वतंत्र लेखन, सामाजिक जागरूकता, के साथ साथ समाज सेवा भी करते हैंl
लेखन में आपकी विधा-काव्य, व्यंग्य, लघुकथा और लेख हैl आपकी उपलब्धि यही है कि, उच्च न्यायालय (इन्दौर) में अभिभाषक के रूप में सतत कार्य तथा स्वतंत्र पत्रकारिता जारी है। हाल ही में आपको डॉक्टर एसएन तिवारी स्मृति सम्मान समारोह में साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित भी किया गया है।

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर कॉल करके सूचित अवश्य करें … और अपनी खबरें, लेख, कविताएं पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com सर्च करें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और खबरों के लिए पढते रहे hindirakshak.com  कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने मोबाइल पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक के ब्राडकॉस्टिंग सेवा से जुड़ने के लिए अपने मोबाइल पर पहले हमारा नम्बर ९८२७३ ६०३६० सेव के लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *