विमल राव
भोपाल म.प्र
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आजादी की कीमत कों
क्या खूब चुकाया वीरों नें।
सीने पर गोली खाई थी
भारत माँ के रणधीरो नें॥
क्रांति दूत ऊन फ़ौलादो नें
ऐसी आग लगाई थी।
भारत के कोने-कोने से
निकल स्वतंत्रता आई थी॥
कतरा-कतरा रक्त बहा कर
भारत माँ के चरणों में।
उनकों देकर सीख गए वो
जो बंटें हुए थे वर्णों में॥
झूल गए फाँसी पर किन्तु
कभी कदम ना डोले थे।
मरते-मरते बाँके प्यारे वो
वन्दे मातरम बोले थे॥
नत मस्तक होकर हम उनकों
नित – नित शीश झुकाते हैं।
आजादी की कीमत पर जो
अपनें शीश चढ़ाते हैं॥
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परिचय :- विमल राव “भोपाल”
पिता – श्री प्रेमनारायण राव लेखक, एवं संगीतकार हैं इन्ही से प्रेरणा लेकर लिखना प्रारम्भ किया।
निवास – भोजपाल की नगरी (भोपाल म.प्र)
कवि, लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता एवं प्रदेश सचिव – अ.भा.वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान म.प्र,
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