विमल राव
भोपाल म.प्र
********************
प्रीत की पाती लिखे, सीता प्रिये प्रभु राम कों।
प्रीत की पाती लिखे, राधा दिवानी श्याम कों॥
प्रीत के श्रृंगार से, मीरा भजे घनश्याम कों।
प्रीत पाती पत्रिका, तुलसी लिखे श्री राम कों॥
प्रीत की पाती बरसती, इस धरा पर मैघ से।
प्रीत करती हैं दिशाऐं, दिव्य वायु वेग से॥
प्रीत पाती लिख रहीं हैं, उर्वरा ऋतुराज कों।
हैं प्रतिक्षारत धरा यह, हरित क्रांति ताज़ कों॥
प्रीत पाती लिख रहीं माँ, भारती भू – पुत्र कों।
छीन लो स्वराज अपना, प्राप्त हों स्वातंत्र कों॥
धैर्य बुद्धि और बल से, तुम विवेकानंद हों।
विश्व में गूंजे पताका, तुम वो परमानंद हों॥
प्रीत पाती लिख रहा हूँ, मैं विमल इस देश कों।
तुम संभल जाओ युवाओ, त्याग दो आवेश कों॥
वक़्त हैं बदलाव का, तुमभी स्वयं कों ढाल लो।
विश्व में लहराए परचम, राष्ट्र कों सम्भाल लो॥
.
परिचय :- विमल राव “भोपाल”
पिता – श्री प्रेमनारायण राव लेखक, एवं संगीतकार हैं इन्ही से प्रेरणा लेकर लिखना प्रारम्भ किया।
निवास – भोजपाल की नगरी (भोपाल म.प्र)
कवि, लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता एवं प्रदेश सचिव – अ.भा.वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान म.प्र,
रचनाएँ : हम हिन्दुस्तानी, नई दुनिया, पत्रिका, नवभारत देवभूमि, दिन प्रतिदिन, विजय दर्पण टाईम, मयूर सम्वाद, दैनिक सत्ता सुधार में आए दिन लेख एवं रचनाएँ प्रकाशित होती रहती हैं।
आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻
आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻hindi rakshak manch 👈🏻 … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…