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भारत की आबादी

अर्चना “अनुपम क्रान्ति”
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
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पेट में ना हो दाना फिर भी
है ईमान जियादी (विकासवादी)
हम नेक काम करते हैं करके
बाली उमर में शादी।
बढ़ियां लगती सुकुमार सी बाला
छः-छः बच्चे लादी,
भैया दुनिया में सबसे अच्छी
भारत की आबादी।।

हम दो और दो से चार भले
फिर चार से हो गए चौदह।
कुछ प्यारे बच्चे पढ़ गए अपने
कुछ रह जाते बोदा,
हम फैल रहे हैं ऐंसे जैंसे
‘कोविड’ और मियादी।
भैया दुनिया में सबसे अच्छी
भारत की आबादी।।

हम रख कानून को ताक पे अब
नियमों को सारे तोड़ चले
बस पाँच और दस सालों के भीतर
चीन को पीछे छोड़ चले,
चाहे ना पूजे रेडीमेड
ना! गांधी जी की खादी,
भैया दुनिया में सबसे अच्छी
भारत की आबादी ।।

हम भले रहे भूखे-नंगे पर
पक्की बात हमारी।
चाहे कितनी ही बेटी हों वो
लगें न हमको प्यारी,
दो बेटे होना बहुत जरूरी
बोलें सबकी दादी।
भैया दुनिया में सबसे अच्छी
भारत की आबादी।।

परिचय :- अर्चना पाण्डेय गौतम
साहित्यिक उपनाम – अर्चना “अनुपम क्रान्ति”
मूल निवासी – जिला कटनी, मध्य प्रदेश
वर्तमान निवास – जबलपुर मध्यप्रदेश
पद – स.उ.नि.(अ),
पदस्थ – पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय जबलपुर जोन जबलपुर, मध्य प्रदेश
शिक्षा – समाजशास्त्र विषय से स्नात्कोत्तर
सम्मान – जे.एम.डी. पब्लिकेशन द्वारा काव्य स्मृति सम्मान, विश्व हिन्दी लेखिका मंच द्वारा नारी चेतना की आवाज, श्रेष्ठ कवियित्री सम्मान, लक्ष्मी बाई मेमोरियल अवार्ड, एक्सीलेंट लेडी अवार्ड, विश्व हिन्दी रचनाकार मंच द्वारा – अटल काव्य स्मृति सम्मान, शहीद रत्न सम्मान, मोमसप्रेस्सो हिन्दी लेखक सम्मान २०१९..
विधा – गद्य पद्य दोनों..
पुरस्कार : १४ सितम्बर २०२० हिन्दी दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच (hindirakshak.com) इंदौर मध्य प्रदेश द्वारा अखिल भारतीय कविता सृजन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त।

भाषा – संस्कृत, हिन्दी भाषा की बुन्देली, बघेली, बृज, अवधि, भोजपुरी में समस्त रस-छंद अलंकार, नज़्म एवं ग़ज़ल हेतु उर्दू फ़ारसी भाषा के शब्द संयोजन।
विशेष – स्वरचित रचना विचारों हेतु विभाग उत्तरदायी नहीँ है.. इनका संबंध स्वउपजित एवं व्यक्तिगत है।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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