Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

प्रदूषित सांसे और जिंदगी

केशी गुप्ता
(दिल्ली)

**********************

दिल्ली का प्रदूषण इतना बढ़ गया है की सांस लेना मुश्किल हो गया है। जिसके चलते दिल्ली सरकार को एहतियात के तौर पर स्कूलों में ४ नवंबर तक की छुट्टी घोषित करनी पड़ी है। ४ नवंबर से यातायात मे सम और विषम नंबर का कानून भी कुछ दिन के लिए लागू किया जा रहा है जिससे कुछ हद तक यातायात और प्रदूषण को लेकर आवाम को कुछ राहत मिल पाएगी। सवाल यह उठता है की प्रदूषण का कारण क्या है? जबकि इस साल दिवाली पर एक बड़ी संख्या में लोगों ने पटाखे नहीं जलाए। पटाखों को लेकर सख्त कानून बनाया गया है मगर फिर भी वातावरण दूषित है। वातावरण में धुंआ फैला हुआ है जो अत्यंत हानिकारक और जानलेवा साबित हो रहा है।
इस बात से सरकार और आवाम ना खबर नहीं कि यह प्रदूषण खेतों में जलाए जाने वाली पराली से है। अनाज काटने के बाद जो अवशेष बच जाते हैं उसे पराली कहा जाता है जिसे बाद में जला दिया जाता है। इस समस्या को लेकर क्यों अब तक कोई कदम नहीं उठाए गए या फिर सरकार के पास इस समस्या का कोई समाधान उपलब्ध नहीं है? हर साल जनता/आवाम को इस समस्या से जूझना पड़ता है जिसके चलते लोगों की सेहत दिन-ब-दिन गिरती जा रही है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या इस कदर बढ़ गई है की डॉक्टर्स और अस्पताल कर्मचारियों के लिए भी उन्हें संभालना मुश्किल हो रहा है। जब हम यह मानते हैं की विज्ञान इतनी तरक्की कर चुका है और हम डिजिटल इंडिया बनने की तरफ अग्रसर है तो खेतों में जलाए जाने वाली पराली का कोई दूसरा विकल्प अब तक क्यों नहीं ढूंढा गया? क्या सिर्फ दिवाली के पटाखों में रोक लगाने से दिल्ली या अन्य सभी क्षेत्र प्रदूषण रहित हो जाएंगे।
समय आ गया है कि आवाम जनता को जागृत करने के साथ-साथ सरकार का यह दायित्व बनता है कि वह प्रदूषण के सभी पहलुओं पर गौर कर उसके समाधान पर उपयुक्त कदम उठाए। सिर्फ प्रदूषण से बचने के लिए मास्क उपलब्ध कराने से या कुछ दिनों की छुट्टी दे देने से समस्या का हल निकलना संभव नहीं। जब तक यातायात, खेत खलिहान में लगाए जाने वाली आग, कूड़े आदि पर लगाम नहीं लगाई जाएगी तब तक एक स्वास्थ्य पूर्ण वातावरण मिल पाना संभव नहीं है। इस समस्या से बचने के लिए आम जनता को भी अपने दायित्व को समझना होगा और प्रदूषण की रोकथाम के लिए बनाए जाने वाले कानूनों नियमों का पालन करना होगा वरना जिंदगी हर तरफ दम तोड़ती नजर आएगी।

.

लेखक परिचय :- केशी गुप्ता लेखिका, समाज सेविका
निवास – द्बारका, दिल्ली


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻  hindi rakshak manch 👈🏻 … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *