Thursday, November 7राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

चुभो के जहरीले नश्तर

शाहरुख मोईन
अररिया बिहार

********************

सबब कोई हो हम फलक का गिला नहीं करते,
सच है हम अब दोस्तों से ज्यादा मिला नहीं करते।

चुभो के जहरीले नश्तर उसने जख्मी किया हमको,
सब देखे हैं वो तभी हम कोई फैसला नहीं करते।

अब के दौर में कुछ सय्याद, कुछ जल्लाद है,
दुश्मन है जान के, दिल से वो मिला नहीं करते।

दौलत, शोहरत, इज़्ज़त, सबकुछ लुटाया उसपे,
वो हसीन कातिल है कभी वफ़ा नहीं करते।

तमाम बंदिशों की जंजीरे तोड़ के आया था मैं,
इश्क वाले जाने हैं मोहब्बत में लोग क्या नहीं करते।

मजनू, रांझा, रोमियो, फरहाद, अपने दौर के आशिक थे,
लैला, हीर, जुलिये,शीरी, वो होती तो क्या नहीं करते।

दामने इश्क पे लगें दाग़, बरसाए दुनियां ने पत्थर,
नफरत करने वाले शाहरुख़ किसी का भला नहीं करते।

.

लेखक परिचय :- शाहरुख मोईन अररिया बिहार

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻  hindi rakshak manch 👈🏻 … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *