Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

पेड़ लगाये… भविष्य संवारे

धर्मेन्द्र कुमार श्रवण साहू
बालोद (छत्तीसगढ़)
********************

इंसान को कितना कौन समझाये
समझकर भी अनजान बनता है ।
यदि प्रकृति को समझ जाये
तो वह इंसान भगवान बनता है ।।

बुद्धिमान होकर भी आदमी
नासमझ और बेईमान बनता है ।
सभी प्राणियों में ही सिरमौर है वह
मानव का आज पहचान बनता है ।।
यदि प्रकृति को समझ …….. …..

कहते है वृक्ष आस है वृक्ष सांस है
वृक्ष से कई औषधि बनता है ।
पेड़ लगाओ भविष्य संवारो
वृक्ष से ही तो ऑक्सीजन बनता है।।
यदि प्रकृति को समझ ……… …..

आओ मिलकर कर आज ही शपथ ले
पर्यावरण संरक्षण का समझ बनता है।
प्रकृति के तत्वों को आज जान ले
पर्यावरण प्रेमी श्रवण बनता है ।।
यदि प्रकृति को समझ ……… …..

परिचय :- धर्मेन्द्र कुमार श्रवण साहू
निवासी : भानपुरी, वि.खं. – गुरूर, पोस्ट- धनेली, जिला- बालोद छत्तीसगढ़
कार्यक्षेत्र : शिक्षक
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *