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कलम का कमाल

संजय जैन
मुंबई

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लिखता में आ रहा,
गीत मिलन के में।
कलम मेरी रुकती नही,
लिखने को नए गीत।
क्या क्या में लिख चुका,
मुझको ही नही पता।
और कब तक लिखना है,
ये भी नही पता।
लिखता में आ रहा…..।।

कभी लिखा श्रृंगार पर।
कभी लिखा इतिहास पर।
और कभी लिख दिया,
आधुनिक समाज पर।
फिर भी आया नही,
सुधार लोगो की सोच में।।
लिखता में आ रहा…।।

लिखते लिखते थक गये,
सोच बदलने वाली बाते।
फिर नही बदले लोगो के विचार।
इसे ज्यादा क्या कर सकता,
एक रचनाकार।।
लिखता हूँ सही बात,
अपने गीतों में…
अपने गीतों में……।।

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परिचय :- बीना (मध्यप्रदेश) के निवासी संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। करीब २५ वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं हिंदी रक्षक मंच (hindirakshak.com) सहित बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं। ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी के चलते कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। आप मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखने के साथ – साथ मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है, आप लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।


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