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देशप्रेम

सुधीर श्रीवास्तव
बड़गाँव, गोण्डा, (उत्तर प्रदेश)
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आज हम सब को एक साथ आना होगा
मिलकर ये सौगंध सभी को लेना होगा,
देशप्रेम का चढ़ रहा जो छद्म आवरण
उससे हम सबको बचना बचाना होगा।

ओढ़ रहे जो देश प्रेम का छद्म आवरण
नोंच कर वो आवरण नंगा करना होगा,
देशप्रेम के नाम पर भेड़िए जो शेर हैं
ऐसे नकली शेरों को बेनकाब करना होगा।

देशभक्तों पर उठ रही जो आज उँगलियाँ
उन उँगलियों को नहीं वो हाथ काटना होगा,
देश में गद्दार जो कुत्तों जैसे भौंकते है,
ऐसे कुत्तों का देश से नाम मिटाना होगा।

जी रहे आजादी से फिर भी कितने हैं डर
डर का मतलब अब उन्हें समझाना होगा,
देश को नीचा दिखाते आये दिन जो गधे हैं रेंकते,
ऐसे गधों को अब उनकी औकात बताना होगा।

उड़ा रहे संविधान का जब तब जो भी मजाक
भारत के संविधान का मतलब समझाना होगा,
समझ जायं तो अच्छा है देशप्रेम की बात
वरना समुद्र में उन्हें डुबाकर मारना ही होगा।

परिचय :- सुधीर श्रीवास्तव
जन्मतिथि : ०१/०७/१९६९
शिक्षा : स्नातक, आई.टी.आई., पत्रकारिता प्रशिक्षण (पत्राचार)
पिता : स्व.श्री ज्ञानप्रकाश श्रीवास्तव
माता : स्व.विमला देवी
धर्मपत्नी : अंजू श्रीवास्तव
पुत्री : संस्कृति, गरिमा
संप्रति : निजी कार्य
विशेष : अधीक्षक (दैनिक कार्यक्रम) साहित्य संगम संस्थान असम इकाई।
रा.उपाध्यक्ष : साहित्यिक आस्था मंच्, रा.मीडिया प्रभारी-हिंददेश परिवार
सलाहकार : हिंंददेश पत्रिका (पा.)
संयोजक : हिंददेश परिवार(एनजीओ) -हिंददेश लाइव -हिंददेश रक्तमंडली
संरक्षक : लफ्जों का कमाल (व्हाट्सएप पटल)
निवास : गोण्डा (उ.प्र.)
साहित्यिक गतिविधियाँ : १९८५ से विभिन्न विधाओं की रचनाएं कहानियां, लघुकथाएं, हाइकू, कविताएं, लेख, परिचर्चा, पुस्तक समीक्षा आदि १५० से अधिक स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर की पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित। दो दर्जन से अधिक कहानी, कविता, लघुकथा संकलनों में रचनाओं का प्रकाशन, कुछेक प्रकाश्य। अनेक पत्र पत्रिकाओं, काव्य संकलनों, ई-बुक काव्य संकलनों व पत्र पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल्स, ब्लॉगस, बेवसाइटस में रचनाओं का प्रकाशन जारी।अब तक ७५० से अधिक रचनाओं का प्रकाशन, सतत जारी। अनेक पटलों पर काव्य पाठ अनवरत जारी।
सम्मान : विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं द्वारा ४५० से अधिक सम्मान पत्र। विभिन्न पटलों की काव्य गोष्ठियों में अध्यक्षता करने का अवसर भी मिला। साहित्य संगम संस्थान द्वारा ‘संगम शिरोमणि’सम्मान, जैन (संभाव्य) विश्वविद्यालय बेंगलुरु द्वारा बेवनार हेतु सम्मान पत्र।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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