आशा जाकड़
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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कोरोना ने मचाया हाहाकार
कृष्णजी लगा दो नैया पारबेचारे बच्चे पूछ रहे हैं
कब हम बाहर निकलेंगे?
कब हम स्कूल जाएंगे ?
कब हम मैदान में खेलेंगे ?
सुन लो भक्तों की पुकार
कृष्णजी लगा दो नैया पार।।बड़े -बूढ़े प्रार्थना कर रहे,
घर में कब तक बंद रहेंगे?
हाथ धोए सब परेशान हुए
शुद्ध हवा कब सांस लेंगे ?
जीना हो गया अब दुश्वार,
कृष्णजी लगा दो नैया पार।।मजदूर बेचारे बिलख रहे
दाने -दाने को तरस रहे हैं।
कामकाज सब छूट गए,
घर बार अब टूट रहे हैं।।
दाने-दाने को हुई दरकार
कृष्णजी लगा दो नैया पार।।जब-जब होवे धर्म की हानि
तब तब तुम जग में आते हो
कोरोना दानव ताण्डव नृत्य
क्यों नहीं अब चक्र उठाते हो?
वादे को करो अब साकार।
कृष्णजी लगा दो नैया पार।।मानवता अब जाग गई है
सर्वत्र सेवा भावना आ गई
डॉक्टर, पुलिस, कर्मचारी
तन मन से सब जुट गई हैं
डूबतों की संभालो पतवार।
कृष्णजी लगा दो नैया पार।।
परिचय :- आशा जाकड़ (शिक्षिका, साहित्यकार एवं समाजसेविका)
शिक्षा – एम.ए. हिन्दी समाज शास्त्र बी.एड.
जन्म स्थान – शिकोहाबाद (आगरा)
निवासी – इंदौर म.प्र.
व्यवसाय – सेन्ट पाल हा. सेकेंडरी स्कूल इन्दौर से सेवानिवृत्त शिक्षिका)
प्रकाशन कृतियां – तीन काव्य संग्रह – राष्ट्र को नमन, नये पंखों की उड़ान, हमारा कश्मीर)
कहानी संग्रह – (अनुत्तरित प्रश्न), एक निबंध पुस्तक सिंहस्थ महोत्सव २०१६
उपलब्धियाँ – काव्य गोष्ठियों में नियमित पाठ, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच (hindirakshak.com) सहित लगभग ५० पुस्तकों मे कहानी कविताओं व समीक्षाओं का प्रकाशन। आकाशवाणी व दूरदर्शन पर काव्य पाठ।
सम्मान – सरल अलंकरण (इन्दौर), महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान(शिलांग), मानद उपाधि राष्ट्रभाषा गौरव सम्मान (इलाहाबाद) नारी अस्मिता सम्मान, महादेवी वर्मा सम्मान मैं हूँ बेटी सम्मान (लखनऊ), मगसम प्रतिभा स्वर्ण सम्मान (दिल्ली) अन्तरा शब्द शक्ति सम्मान, महारानी लक्ष्मीबाई मैमोरियल सम्मान, काव्य रंगोली मातृत्व सम्मान, कल्पना चावला स्मृति सम्मान, विश्व शांति सम्मान आदि।
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