Sunday, December 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

हमारे विवाहोत्सव

मंजुला भूतड़ा
इंदौर म.प्र.

********************

जीवन भर के इस उत्सव को,
आओ हम समृद्ध बनाएं।
दिखावे के पर्याय बने जो,
ऐसे विवाह पर रोक लगाएं।

बनें किसी जरूरतमंद के मददगार,
नि:सहाय के लिए खोलें शिक्षा द्वार।
यूं पवित्र बंधन बने यादगार,
जरूरी तो नहीं है वैभव प्रचार।

स्वागत में हो आत्मीयता,
नहीं केवल औपचारिकता।
अतिथि भी जब हों समुचित,
तभी दे पाते सम्मान उचित।

बड़ी बारातें, सड़क पर व्यवधान,
राहगीरों का नहीं है ध्यान।
बोझिल-सा यदि हो आभास,
फिर कैसा उत्सव ये खास।

छोड़ें अनावश्यक रूढ़ी-रिवाज,
हम ही तो करेंगे बदलाव आज़।
समयानुसार परिवर्तन होगा,
तभी तो समाज सुधरेगा।

सच, पाणिग्रहण की पवित्रता को
रुढियों दिखावों में मत जकडो़।
जितना हो अति आवश्यक,
वही करो, नई राह पकड़ो।

परिचय :- 
नाम : मंजुला भूतड़ा
जन्म : २२ जुलाई
शिक्षा : कला स्नातक
कार्यक्षेत्र : लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता
रचना कर्म : साहित्यिक
लेखन विधाएं : कविता, आलेख, ललित निबंध, लघुकथा, संस्मरण, व्यंग्य आदि सामयिक, सृजनात्मक एवं जागरूकतापूर्ण विषय, विशेष रहे। अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक समाचार पत्रों तथा सामाजिक पत्रिकाओं में आलेख, ललित निबंध, कविताएं, व्यंग्य, लघुकथाएं संस्मरण आदि प्रकाशित। लगभग १९८५ से सतत लेखन जारी है ।
१९९७ से इन्दौर में निवास वर्तमान में लेखिका संघ की अध्यक्ष एवं (संस्थापक सदस्य) २१ वर्षों से लेखिका संघ में सतत सक्रिय।
प्रकाशित दो पुस्तकें : काव्य संग्रह “अक्षरों का तानाबाना “, लघुकथा संग्रह “सागर सीपी ” आपकी अनेक साझा संकलनों में रचनाएं प्रकाशित हुई हैं आप अनेकों काव्य गोष्ठियों में भी सहभागी रही हैं एवं अनेक साहित्यिक संस्थाओं में सक्रिय भूमिका निभा रहीं हैं।
सामाजिक सक्रियता : आप सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हैं, अनेक पत्र पत्रिकाओं, स्मारिका आदि का सम्पादन कार्य, नाटक लेखन व मंचन भी किया है। आपने अनेक सामाजिक संस्थाओं में सक्रिय सदस्य रहीं हैं व विभिन्न पदों का निर्वाह किया है।
सामाजिक जागरूकता : सामाजिक रूढ़ियों को समाज और पारिवारिक स्तर पर समाप्त करने हेतु प्रयासरत। जैसे जन्मदिन पर ज्योति न बुझाएं, मृत्यु भोज एवं दहेज बहिष्कार आदि की शुरुआत आपने अपने घर से की। आप नेत्रदान करने लोगों को प्रेरित करने हेतु प्रयासरत हैं।
आपके कार्यक्रम आकाशवाणी पर भी प्रसारित हुए हैं। तथा एक बार दूरदर्शन से भी प्रसारण हुआ। छात्र जीवन से ही आप भाषण और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में सहभागी और विजेता रही तो लिखना और सार्वजनिक रूप से अपनी बात कह पाना, सम्भव रहा ।
सम्मान : कुसुम कृति सम्मान, श्रेष्ठ काव्य संगम से सम्मान, ‘नेत्रदान’ निबंध के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार,
पत्रलेखन प्रतियोगिता के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तृतीय पुरस्कार, अंगदान/ देहदान/ नेत्रदान जैसे विषय पर लिखी गई कविता ‘थोड़ा-सा यहीं रह जाओ’ के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त।
मध्यप्रदेश में १८ वर्षों से सक्रिय संस्था का, २०१९ का “तूलिका लेखन सम्मान”, अखिल भारतीय माहेश्वरी महिला संगठन की जिला इन्दौर, इकाई द्वारा, २०१९ का “साहित्य सेवा सम्मान”,
हाल ही में इन्दौर लेखिका संघ, इन्दौर के अंतर्गत ‘अंगदान महादान ‘ पुस्तक का प्रकाशन कराया। सामाजिक सरोकार से जुड़े विषय को लेखनी के माध्यम से जागरूकता लाने का प्रयास किया। अंगदान महादान जागरूकता अभियान में संलग्न …
एक वक्ता के साथ ही अनेक स्तरीय कार्यक्रमों की उद्घोषिका भी।
विदेश यात्राएं : अमेरिका, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, बैंकाक, थाईलैंड, सिंगापुर चीन आदि।

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻hindi rakshak manch 👈🏻 हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *