Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

अबतो मंदिर खोलदो

अबतो मंदिर खोलदो….केवल उसका सहारा है।
बहुत हो गए दूर उससे अब होता नही गुज़ारा है।
क्या मालिक को पता नही हमसब उसके बन्दे है।
उजड़ गए कइयों के घर……बन्द पड़े सब धंधे है।
देखने दो उसको भी थोड़ा बाहर कैसा नज़ारा है।

अबतो मंदिर खोलदो…केवल उसका सहारा है।

डॉक्टर है भगवान… हमारी संस्कृति बतलाती है।
दवा से ज्यादा दुआ हमे…..ज्यादा काम आती है।
धर्म, आस्था, संतो का..भारत ही एक ठिकाना है।
इन्ही तीन के दम पर इस महामारी को भगाना है।
करता हूँ करबद्ध निवेदन….. ये कर्तव्य हमारा है।

अबतो मंदिर खोलदो…केवल उसका सहारा है।

कहीं बाढ़, भूकंप कहीं तो बमबारी हो जाती है।
दुष्कर्म, हत्याएं अक्सर कई सवाल कर जाती है।
कुप्रथा और दहेज की बलि बेटियां चढ़ जाती है।
कहीं भुखमरी और तंगी से आफत बढ़ जाती है।
कुछ तो हुआ अनर्थ आपसे प्रकृति का इशारा है।

अबतो मंदिर खोलदो…केवल उसका सहारा है।

देशव्यापी महामारी का पहले भी माहौल पसरा है।
जैसे हैज़ा, व मलेरिया,काली खांसी और खसरा है।
आंखों में आंसू और बेपनाह दर्द दुनिया ने झेला है।
आज हर एक शक्स दुनिया की भीड़ में अकेला है।
जब भी पड़े मुसीबत में…..हमने उनको पुकारा है।

अबतो मंदिर खोलदो…केवल उसका सहारा है।

.

परिचय :- ३१ वर्षीय दामोदर विरमाल पचोर जिला राजगढ़ के निवासी होकर इंदौर में निवास करते है। मध्यप्रदेश में ख्याति प्राप्त हिंदी साहित्य के कवि स्वर्गीय डॉ. श्री बद्रीप्रसाद जी विरमाल इनके नानाजी थे। हिंदी रक्षक मंच इंदौर (hindirakshak.com) द्वारा हिन्दी रक्षक २०२० राष्ट्रीय सम्मान एवं आपके द्वारा अभी तक कई कविताये, मुक्तक, एवं ग़ज़ल व गीत लिखे गए है, जो आये दिन अखबारों में प्रकाशित होते रहते है।  गायन के क्षेत्र कराओके गीत गाने में आप खासी रुचि रखते है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.comपर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻hindi rakshak manch 👈🏻 हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *