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एक कोशिश और

अशोक शर्मा
कुशीनगर, (उत्तर प्रदेश)
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आओ एक कोशिश
फिर से करते हैं,
टूटी हुई शिला को
फिर से गढ़ते हैं।
आओ एक कोशिश
फिर से करते हैं…

हाँ, मैं मानता हूँ
इरादे खो गए,
हौसले बिखर गए,
उम्मीद टूट चुकी,
सपनों ने साथ
छोड़ दिया,
हमने कई अपनों
को गवाया,
अपनों से खूब
छलावा पाया,
तो क्या हुआ?
अभी तक जिंदगी ने
हार नहीं मानी है,
कोशिश करने की
फिर से ठानी है,
आओ एक कोशिश
फिर से करते हैं…

हौसलों में बुलंद
जान भरते हैं,
उम्मीदों को नई
रोशनी देते हैं,
सपनों को फिर
निखारते हैं,
इरादों को जोड़ते हैं,
हार का मुंह तोड़ते हैं,
आओ एक कोशिश
फिर से करते हैं…

जीवन में इंद्रधनुष
लाते हैं,
दुनिया को खुशियाँ
दे जाते हैं,
आओ फिर सपनों की
उड़ान भरते हैं,
आओ एक कोशिश
फिर से करते हैं….।

परिचय :अशोक शर्मा
निवासी : लक्ष्मीगंज, कुशीनगर, (उत्तर प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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