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ओम प्रीत की जोड़ी

ओमप्रकाश श्रीवास्तव ‘ओम’
तिलसहरी (कानपुर नगर)
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निजस्वप्न में सोचा था मैंने
एक सुंदर सा मेरा हमसफ़र होगा।
जीवन पथ में बढ़ने को
बेहद ही खूबसूरत सा सफर होगा।

मिला आशीष जब माता का
इक्कीस जून नव को मैं प्रीति से मिला।
परिणय बंधन में बंधकर
एक दूजे को जीने का शुभआलम्ब मिला।

मिथिला अरुण की कली को
वेद अश्वनी के पुष्प ने जीवन साथी बनाया।
दोनों परिवारों ने देखो
कितना सुंदर पुष्पों का यह एक हार बनाया।

हर पल हर क्षण तेरा मेरा
दिल से दिल का खूबसूरत साथ रहता है।
जुबाँ कुछ कहे या ना कहे पर,
जज्बात हर बात अपनी एकदूजे से कहता है।

विचारों का टकराव तो
कभी कभार जीवन में होता ही रहता है।
पर अंतर्मन की नदी से
प्रतिपल प्रेम का बहाव सदा बहता रहता है।

ओम प्रीत के उपवन में
मान्यता उपलब्धि देवी रूप में आई,
श्रीवास्तव परिवार को
देखो असीम उपलब्धियाँ हैं दिलाईं।

माता रानी की कृपा
सदा ओम के घर परिवार में बनी रहे,
ओम प्रीत की जोड़ी
माता के चरणों में यूँ ही सदा खिली रहे।

परिचय :- ओमप्रकाश श्रीवास्तव ‘ओम’
जन्मतिथि : ०६/०२/१९८१
शिक्षा : परास्नातक
पिता : श्री अश्वनी कुमार श्रीवास्तव
माता : श्रीमती वेदवती श्रीवास्तव
निवासी : तिलसहरी कानपुर नगर
संप्रति : शिक्षक
विशेष : अध्यक्ष राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय बदलाव मंच उत्तरीभारत इकाई, रा.उपाध्यक्ष, क्रांतिवीर मंच, रा. उपाध्यक्ष प्रभु पग धूल पटल, रा.मीडिया प्रभारी-शारदे काव्य संगम, प्रभारी हिंददेश उत्तरप्रदेश इकाई
साहित्यिक गतिविधियां : विभिन्न विधाओं की रचनाएं कहानियां, लघुकथाएं, हाइकू, कविताएं, लेख, आदि १०० से अधिक स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय स्तर की पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित। ५ साझा संकलनों में रचनाएँ प्रकाशित, अनेक पत्र पत्रिकाओं, ई-बुक, काव्य संकलनों व पत्र पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल्स, ब्लॉगस, बेवसाइटस में रचनाओं का प्रकाशन जारी। अब तक ३०० से अधिक रचनाओं का प्रकाशन, सतत जारी।
सम्मान : विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं द्वारा ३०० से अधिक सम्मान पत्र।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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