Saturday, September 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

आजकल की युवा पीढ़ी

**********

दामोदर विरमाल
महू – इंदौर (मध्यप्रदेश)

आजकल की युवा पीढ़ी को क्या हो गया?
जागती रहती है तबतक, जब ज़माना सो गया।
जहां जाने में भी कतराते थे वो संस्कारी बच्चे,
वही जगह आजकल इनका ठिकाना हो गया।
आजकल की युवा पीढ़ी को क्या हो गया?
जागती रहती है तबतक, जब ज़माना सो गया।

पिता की मार और मां की फटकार,
नाना-नानी का दुलार, और दादा-दादी का प्यार।
अक्सर वही से मिलता था जिसे कहते है संस्कार।
मगर इनको अब अकेला ही छोड़ दो…
मगर इनको अब अकेला ही छोड़ दो…
इनको किसी का साथ नही स्वीकार।
व्हाट्सएप, फेसबुक से गहरा दोस्ताना हो गया।
आजकल की युवा पीढ़ी को क्या हो गया?
जागती रहती है तबतक, जब ज़माना सो गया।

आजकल के मां-बाप भी कम नही है।
जो हादसे हो रहे है वो बिल्कुल सही है।
ब्लुव्हेल और पब्जी की लगी है बीमारी।
टिकटोक पर दिखा रहे खूब कलाकारी।
परिवार भी इन आदतों का दीवाना हो गया।
आजकल की युवा पीढ़ी को क्या हो गया?
जागती रहती है तबतक, जब ज़माना सो गया।

कुछ तो मां बाप का पैसा बर्बाद कर रहे है,
तो कुछ उनके सपनों को आबाद कर रहे हैं।
जिन्होंने खून पसीने से इकट्टा किये है पैसे,
अब तुम्हारी बारी है उन्हें लौटाओगे कैसे।
तुम मानो मत मानो मेरा तो काम बताना हो गया।
आजकल की युवा पीढ़ी को क्या हो गया?
जागती रहती है तबतक, जब ज़माना सो गया।

देर रात तक मोबाइल चलाना।
गैर अंजान लोगो से रिश्ता बनाना।
अपनो को सबके सामने नीचे दिखाना,
अभी की हुई शॉपिंग को पुराना बताना।
क्या यहीं तक का फर्ज था? जो निभाना हो गया।
आजकल की युवा पीढ़ी को क्या हो गया?
जागती रहती है तबतक, जब ज़माना सो गया।

सशक्त निडर बनाकर स्वयं को खड़ा कीजिए।
ख्वाहिशें छोटी और सपनों को बड़ा कीजिये।
गलतियों को सुधारकर खुदको सही साबित कीजिए।
एक नए भारत के रूप में खुदको स्थापित कीजिए।
ज़िम्मेदारी समझे अपनी….
ज़िम्मेदारी समझे अपनी….
बहुत रूठना मनाना हो गया।
आजकल की युवा पीढ़ी को क्या हो गया?
जागती रहती है तबतक, जब ज़माना सो गया।

लेखक परिचय :- ३१ वर्षीय दामोदर विरमाल पचोर जिला राजगढ़ के निवासी होकर इंदौर में निवास करते है। मध्यप्रदेश में ख्याति प्राप्त हिंदी साहित्य के कवि स्वर्गीय डॉ. श्री बद्रीप्रसाद जी विरमाल इनके नानाजी थे। आपके द्वारा अभी तक कई कविताये, मुक्तक, एवं ग़ज़ल व गीत लिखे गए है, जो आये दिन अखबारों में प्रकाशित होते रहते है। गायन के क्षेत्र कराओके गीत गाने में आप खासी रुचि रखते है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.comपर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻hindi rakshak manch 👈🏻 हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *