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नहीं तुमने न हमने ही

भारत भूषण पाठक देवांश
धौनी (झारखंड)

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विधाता छंद – मापनी १४-१४ मात्रा, ७-७ मात्रा पर यति

नहीं तुमने न हमने ही, कभी भी है इसे देखा।
वायरस चीज क्या होता, देखा है या अनदेखा।।
जानकर इसे क्या करना, मगर इससे नहीं डरना।
तुम निकलो न अभी बाहर, भटक रहा है कोरोना।
घरों पर अभी तुम रहलो, थोड़ा और कष्ट सहलो।
विनती करता भारत है, लोगों आज तुम सबसे।
रहलो बन्द अभी थोड़ा, कहता भारत है हमसे।।

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परिचय :- भारत भूषण पाठक ‘देवांश’
लेखनी नाम – तुच्छ कवि ‘भारत ‘
निवासी – ग्राम पो०-धौनी (शुम्भेश्वर नाथ) जिला दुमका (झारखंड)
कार्यक्षेत्र – आई.एस.डी., सरैयाहाट में कार्यरत शिक्षक
योग्यता – बीकाॅम (प्रतिष्ठा) साथ ही डी.एल.एड.सम्पूर्ण होने वाला है।
काव्यक्षेत्र में तुच्छ प्रयास – साहित्यपीडिया पर मेरी एक रचना माँ तू ममता की विशाल व्योम को स्थान मिल चुकी है काव्य प्रतियोगिता में।

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