Friday, November 15राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

प्रकृति के त्रैमासिक ‘नूतन वर्ष’

अर्चना “अनुपम क्रान्ति”
जबलपुर मध्यप्रदेश

********************

दे भेंट धरा पर दिव्य गगन
चहुँओर छत्र बिखराता है।
जैसे अवनि में स्वयं उतर
नववर्ष मनाने आता है।।

नटखट खग छोड़ देश अपना
यहां कलरव गान सुनाते हैं।
और घास-पात की ओसों से
करतब कर खुशी जताते हैं।।

इस धुँध में भी मकरंद पुष्प
की हो सुगंध भीनी भीनी।
वाह सुबह खिले जब धूप; ताप
सुखमय प्रकृति धीमी-धीमी।।

सरसों के पियरे बलखाकर
नृत्य जता कुछ कहते हैं।
आलिंगन गेहूँ की बाली का कर
बधाई संग रहते हैं।।

और चने मटर की छीमी की उस
नोक-झोक के क्या कहने।
गेंदा गुलाब और सुमन कई
अवतरित हुये जिम संग रहने।।

हम भी ऐसे ही मिलजुलकर
खुशियाँ हरएक मनायेंगे ।
इन मूक जीव अथ प्रकृति के
नियमों को सतत् निभायेंगे।।

है धन्य धरा यह भारत की
जहाँ हर मौसम खिल जाते हैं।
एक नहीं यहाँ त्रैमासिक;
नूतन वर्ष सदा सुख लाते हैं।।

परिचय :- अर्चना पाण्डेय गौतम
साहित्यिक उपनाम – अर्चना “अनुपम क्रान्ति”
मूल निवासी – जिला कटनी, मध्य प्रदेश
वर्तमान निवास – जबलपुर मध्यप्रदेश
पद – स.उ.नि.(अ),
पदस्थ – पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय जबलपुर जोन जबलपुर, मध्य प्रदेश
शिक्षा – समाजशास्त्र विषय से स्नात्कोत्तर
सम्मान – जे.एम.डी. पब्लिकेशन द्वारा काव्य स्मृति सम्मान, विश्व हिन्दी लेखिका मंच द्वारा नारी चेतना की आवाज, श्रेष्ठ कवियित्री सम्मान, लक्ष्मी बाई मेमोरियल अवार्ड, एक्सीलेंट लेडी अवार्ड, विश्व हिन्दी रचनाकार मंच द्वारा – अटल काव्य स्मृति सम्मान, शहीद रत्न सम्मान, मोमसप्रेस्सो हिन्दी लेखक सम्मान २०१९..
विधा – गद्य पद्य दोनों..
पुरस्कार : १४ सितम्बर २०२० हिन्दी दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच (hindirakshak.com) इंदौर मध्य प्रदेश द्वारा अखिल भारतीय कविता सृजन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त।

भाषा – संस्कृत, हिन्दी भाषा की बुन्देली, बघेली, बृज, अवधि, भोजपुरी में समस्त रस-छंद अलंकार, नज़्म एवं ग़ज़ल हेतु उर्दू फ़ारसी भाषा के शब्द संयोजन।
विशेष – स्वरचित रचना विचारों हेतु विभाग उत्तरदायी नहीँ है.. इनका संबंध स्वउपजित एवं व्यक्तिगत है।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *