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नयनो की मस्ती

तेज कुमार सिंह परिहार
सरिया जिला सतना म.प्र

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नयनो की मस्ती चाहता हूँ
हैं जन्नत की दरकार नही
है याद अभी पहली चितवन
चिर गयी दिल किया वार नही
नयनो की ,,,,,
घुट घुट कर याद में घुटता हु
पग पग पैर मचलता हैं
महज स्नेह आकांक्षी हु
आरति कुछ और दिलदार नही
नयनो की मस्ती चाहता हु
है जन्नत की दरकार नही
चांदनी कुछ कह जाती हैं
समीर सन्देशा लाती हैं
पिकी पंचम स्वर के गाती है
पर उसमे तुम जैसे प्यार नही
नयनो की मस्ती चाहता हु
है जन्नत की दरकार नही
सरिता सागर में मिल जाती हैं
कोकिला गीत मधुर गाती है
पपीहे की विरह लिए मैं
प्रिय श सकता ऐसा वॉर नही
नयनो की मस्ती चाहता हु
हैं जन्नत की दरकार नही
है रूखे शब्द प्रसूनो की माला
बह सकी इसमे रस धार नही
टी के हृदय की तड़पन ये
है कोरी शब्द गुहार नही
नयनो की मस्ती चाहता हु
हैं जन्नत की दरकार नही

परिचय :- तेज कुमार सिंह परिहार
पिता : स्व. श्री चंद्रपाल सिंह
निवासी : सरिया जिला सतना म.प्र.
शिक्षा : एम ए हिंदी
जन्म तिथि : ०२ जनवरी १९६९
जन्मस्थान : पटकापुर जिला उन्नाव उ.प्र.

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