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आराध्य राम

विमल राव
भोपाल म.प्र

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वर्ष पाँच सो बाद सफलता
मिली अयोध्या धाम कों
मिले हमें आराध्य हमारें
नमन प्रभु श्री राम कों

आज अयोध्या नगरी सारी
सजी दुल्हन सी लगती हैं
वर्षो का संघर्ष झेलना
प्रभु राम की भक्ति हैं

धेर्य और विश्वास लिऐ हम
आस लगाए बेठे थे
कार सेवकों की सेवा का
उपवास लिऐ हम बेठे थे

आज पुनः वह अवसर आया
घर घर दीप जलाएंगे
राम लला की अगुवाई में
फिर भगवा लहराएंगे

परिचय :- विमल राव “भोपाल”
पिता – श्री प्रेमनारायण राव लेखक, एवं संगीतकार हैं इन्ही से प्रेरणा लेकर लिखना प्रारम्भ किया।
निवास – भोजपाल की नगरी (भोपाल म.प्र)
विशेष : कवि, लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता एवं प्रदेश सचिव – अ.भा.वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान म.प्र,
रचनाएँ : हम हिन्दुस्तानी, नई दुनिया, पत्रिका, नवभारत देवभूमि, दिन प्रतिदिन, विजय दर्पण टाईम, मयूर सम्वाद, दैनिक सत्ता सुधार में आए दिन लेख एवं रचनाएँ प्रकाशित होती रहती हैं।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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