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मेरी कलम नहीं मेरे वश में’

डॉ. सुभाष कुमार नौहवार
मोदीपुरम, मेरठ (उत्तर प्रदेश)
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मेरी कलम नहीं मेरे वश में
मुझे ‘क’ से कविता लिखनी थी,
कविता के लिए कविता लिखनी थी।
बड़े शब्द सँजोए थे मैंने,
एक प्रेम धार जो बहनी थी।
पर ‘क’ से कातिल दिखा गई
जो खाते हैं झूठी कसमें…….
मेरी कलम नहीं मेरे वश में
‘ख’ से खुश मिजाज होकर मुझको,
कुछ गीत खुशी के लिखने थे,
बोली मुझसे खामोश रहो,
तुम कुछ तो धीरज धरा करो।
जो खास तुम्हारे बनते हैं,
धोखा है उनकी नस-नस में………..
मेरी कलम नहीं मेरे वश में
‘ग’ से गर्वित होकर मैं कुछ क्षण,
अपने गणतंत्र पे इतराया।

बोली चौकन्ने रहो सदा,
बुन रहा जाल काला साया।
जो पाक नाम से दिखते हैं,
है ज़हर भरा उनके मन में……….
मेरी कलम नहीं मेरे वश में
‘घ’ से घर लिखना चाहा तो,
बोली घमंड किस बात का है?
माँ-बाप रहें वृद्धाश्रम में,
बेटा-बंगले में सोता है!
ऐसा हर घर वो खाली है,
माँ-बाप नहीं हैं जिस घर में……….
मेरी कलम नहीं मेरे वश में

परिचय :- डॉ. सुभाष कुमार नौहवार
जन्म : ५ फरवरी १९७३
जन्म स्थान : कौलाहर (मथुरा)
निवास : मोदीपुरम (मेरठ) उत्तर प्रदेश।
शिक्षा : एम.ए हिंदी, शिक्षा शास्त्र, इतिहास, बी.एड (पी.एच.डी- निरंतर)
वर्तमान निवास : दोहा क़तर (अरब की खाड़ी)
साहित्यिक परिचय : लेखक- नई स्वाति कक्षा १-८ सरस्वती हाउस पब्लिकेशन, (एस. चाँद पब्लिकेशन) नई दिल्ली। कवि, विचारक, साहित्यकार (ब्लोग राइटर)
कार्य स्थल : वर्ष २००८ से खाड़ी के देशों में हिंदी शिक्षण कार्य में संलग्न। वर्तमान में दोहा मॉडर्न इंडियन स्कूल में बतौर विभागाध्यक्ष हिंदी के रूप में कार्यरत।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है


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