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मै राष्ट्र भाषा हिन्दी

रश्मि श्रीवास्तव “सुकून”
पदमनाभपुर दुर्ग (छत्तीसगढ़)

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मै राष्ट्र भाषा हिन्दी
आजाद भारत में जन्म लेकर बहुत प्रफुल्लित हुई
इस गंगा जमुनी संस्कृति में
घुटनों के बल चलकर बड़ी हुई
धीरे-धीरे यौवन की दहलीज पर कदम रखने लगी
फिर अन्य भाषाओ की बुरी नजर मुझ पर पड़ने लगी
अंग्रेजी तो मेरा सबसे बड़ा दुश्मन निकला
उसने मेरी बहन संस्कृत को डरा धमकाकर
उसे सलाखों के पीछे डालकर
मेरी भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने लगा
मै भाषाओं की भीड़ में पंजे के बल खड़े होकर
अपने होने का अहसास कराती हूँ
कहीँ आगे कर दी जाती हूँ
कहीं पीछे धकेल दी जाती हूँ
अब तो साल में सिर्फ एक दिन मान सम्मान मिलता है
बाकी के दिनॉ में सिर्फ
दोयम दर्जे का मान मिलता है
आजादी के इतने वर्षों के बाद भी
अपने आजाद अस्तित्व के लिये संघर्ष करती देखी जाती हूँ
हिन्दी है तो हिंदोस्तां है यह सबक याद दिलाती हूँ

परिचय : रश्मि श्रीवास्तव “सुकून”
निवासी : मुक्तनगर, पदमनाभपुर दुर्ग (छत्तीसगढ़)
घोषणा : मैं यह शपथ पूर्वक घोषणा करती हूँ कि उपरोक्त रचना पूर्णतः मौलिक है।


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