मेरे अधूरे स्वप्न
रचयिता : रुचिता नीमा
=====================================================================================================================
कैसे बया करु मैं अपने उन जज्बातों को
जो तूफानो से उठा करते है
हरदम कुछ कर दिखाने को,
और फिर सब अंतर्मन को ध्वस्त करके
वही शांत हो जाते हैं
जब भीतर जाकर के देखा तो पाया
कुछ अनकहे, कुछ ख्वाब मे ही,
कुछ अधूरे , कुछ खाक से ही
दफन हो गए कई मेरे अरमान अकसर
और हम सम्हल ही न पाए
कि खुद को दे सके कोई अवसर,
डूब ही गए कई दिवा स्वप्न
मन के तूफानों की गहराई में,
जो सँजोये थे हमने भी कभी
आशाओं की अंगड़ाई में,
अबकि जो तूफान थम गया ,
नए स्वप्न उदित होने लगे,
मेरे मन की डाली पर
फिर से नव कोपल उगने लगे
अब फिर से नव पुष्प खिलेंगे
नव स्वप्नों से महक उठेंगे
मेरे मन की बगिया में
आशा की कोयल चहकेगी
नव जीवन की बेला महकेगी
लेकिन
नव तुफानो के आने से पहले
तुम अपनी तैयारी पूर्ण करो
अब विलम्ब न करो रुचि
अपने सपनो को पूर्ण करो
अपने सपनो को पूर्ण करो
लेखिका परिचय :- रुचिता नीमा जन्म 2 जुलाई 1982 आप एक कुशल ग्रहणी हैं, कविता लेखन व सोशल वर्क में आपकी गहरी रूचि है आपने जूलॉजी में एम.एस.सी., मइक्रोबॉयोलॉजी में बी.एस.सी. व इग्नू से बी.एड. किया है आप इंदौर निवासी हैं।
आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर कॉल करके सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com सर्च करें…🙏🏻
आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा (SHARE) जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने मोबाइल पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक के ब्राडकॉस्टिंग सेवा से जुड़ने के लिए अपने मोबाइल पर पहले हमारा नम्बर ९८२७३ ६०३६० सेव के लें फिर उस पर अपना नाम और प्लीज़ ऐड मी लिखकर हमें सेंड करें…
विशेष सूचना-लेख सहित विविध विषयों पर प्रदर्शित रचनाओं में व्यक्त किए गए विचार अथवा भावनाएँ लेखक की मूल भावना है..http://hindirakshak.com पोर्टल या हिंदी रक्षक मंच ऐसी किसी भी कृति पर होने वाले किसी विवाद और नकल (प्रतिलिपि अधिकार) के लिए भी बिल्कुल जिम्मेदार नहीं होगा,इसका दायित्व उक्त रचना सम्बंधित लेखक का रहेगा। पुनः स्पष्ट किया जा रहा है कि, व्यक्त राय-विचार सम्बंधित रचनाकार के हैं, उनसे सम्पादक मंडल का सहमत होना आवश्यक नहीं है। धन्यवाद। संस्थापक-सम्पादक