डॉ. अर्पणा शर्मा
उज्जैन (मध्य प्रदेश)
********************
चीत्कार उठा ये हृदय मेरा
अश्रु नही समाते है,
इतने निर्दयी, इतने पापी
कैसे इंसान कहाते है
एक निर्बल ने थामा कसकर
जिसको वो रक्षक समझा था
उसने ही झोंक दिया पशुओं में
रक्षक नही वो भक्षक था
पशुओं में भी अपनेपन के
हम भाव उजागर पाते है
इतने निर्दयी, इतने पापी
कैसे इंसान कहाते है…
कैसे सभ्य समाज कहूँ मैं
दुष्टों की इस टोली को
जान न पाया जो साधु की
निर्बल मीठी बोली को
जो थे दुनिया का दुख हरते
वो ही दुख अब पाते है…
इतने निर्दयी, इतने पापी
कैसे इंसान कहाते है..
भीड़ भरी दुष्टों की थी
इंसान कही न नज़र आया
कुछ ही पल में अलग हो गई
प्राणों से झरझर काया
एक निरिह प्राणी को सब मिल
मिट्टी में मिलते है….
इतने निर्दयी, इतने पापी
कैसे इंसान कहाते है….
पल-पल जिसने है प्रभु मेरे
केवल तेरा ही नाम जपा
सदाचार और सद्व्यवहार का
जिसने था संसार रचा
क्यों पाई सजा उस निर्बल ने
क्यों अब वो जीवित नहीं बचा
बस बार बार ये यक्षप्रश्न
अब छेद हृदय को जाते है…
इतने निर्दयी, इतने पापी
कैसे इंसान कहते है….
संत समाज की गलियों में
जब यूँ अंधियारा फैलेगा
हे ईश्वर मेरे तुम्ही कहो
कौन नाम तुम्हारा फिर लेगा
क्यूँ जीवित है वो पापी सारे
क्यूँ सजा नही वो पाते है….
इतने निर्दयी, इतने पापी
कैसे इंसान कहाते है….
दिवंगत संत समाज को मेरी अश्रुपूरित श्रद्धाजंलि….💐💐
परिचय :- डॉ. अर्पणा शर्मा
निवासी : महेश विहार, उज्जैन मध्यप्रदेश
शपथ : मेरी कविताएँ और गजल पूर्णतः मौलिक, स्वरचित और अप्रकाशित हैं
आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻
आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻 hindi rakshak manch 👈🏻 … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…