Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

गणित संग मेरी वार्तालाप

गणित संग मेरी वार्तालाप

रचयिता : भारत भूषण पाठक

=====================================================================================================================

हे गणित तू फिर आ गयी ।
काली घटा बन कर मुदित मन को आह्लादित करने।।
परन्तु कोई बात नहीं आ ही गयी है तो मित्रवत ही रहना।
था बचपन से अपन दोनों का एक दूसरे को मुश्किल सहना।।
अब तो मेरे उम्र का लिहाज कर।
शिक्षक हूँ मैं  आज अब तो कुछ समझा कर।।
मत ला वो बड़े-बड़े सवालों का महासागर ।
करने में पार आती थी जिसमें समस्याएं अपरम्पार ।।
ऐ गणित अब कितना रुलाएगी।
क्या होगा ऐसा कोई दिन जब तूँ समझ आ जाएगी ।।
अभी  भी  त्रिभुज के सर्वांगसम होने का भय बड़ा सताता है।
ले यह जान और जान के खुश हो जा।
मुँह मोड़ ले या प्रेयसी बन जा।।
क्यों एक भयकारी पत्नी सम प्रतीत होती है।
चाहता हूँ मनाता हूँ फिर भी  रुठती ही जाती है।।
कहता हूँ खाकर कसम आज ।
चढ़कर तेरे उन्नयन कोण पर
अवनमन की भांति लगा दूँगा छलांग आज।।
लेखक परिचय :- 
नाम – भारत भूषण पाठक
लेखनी नाम – तुच्छ कवि ‘भारत ‘
निवासी – ग्राम पो०-धौनी (शुम्भेश्वर नाथ) जिला दुमका(झारखंड)
कार्यक्षेत्र :- आई.एस.डी., सरैयाहाट में कार्यरत शिक्षक
योग्यता – बीकाॅम (प्रतिष्ठा) साथ ही डी.एल.एड.सम्पूर्ण होने वाला है।
काव्यक्षेत्र में तुच्छ प्रयास :- साहित्यपीडिया पर मेरी एक रचना माँ तू ममता की विशाल व्योम को स्थान मिल चुकी है काव्य प्रतियोगिता में।

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर कॉल करके सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com सर्च करें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा (SHARE) जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com  कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने मोबाइल पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक के ब्राडकॉस्टिंग सेवा से जुड़ने के लिए अपने मोबाइल पर पहले हमारा नम्बर ९८२७३ ६०३६० सेव के लें फिर उस पर अपना नाम और प्लीज़ ऐड मी लिखकर हमें सेंड करें…

विशेष सूचना-लेख सहित विविध विषयों पर प्रदर्शित रचनाओं में व्यक्त किए गए विचार अथवा भावनाएँ लेखक की मूल भावना है..http://hindirakshak.com पोर्टल 
या हिंदी रक्षक मंच ऐसी किसी भी कृति पर होने वाले किसी विवाद और नकल (प्रतिलिपि अधिकार) के लिए भी बिल्कुल जिम्मेदार नहीं होगा,इसका दायित्व उक्त रचना
सम्बंधित लेखक का रहेगा। पुनः स्पष्ट किया जा रहा है कि, व्यक्त राय-विचार सम्बंधित रचनाकार के हैं, उनसे सम्पादक मंडल का सहमत होना आवश्यक नहीं है। 
धन्यवाद। संस्थापक-सम्पादक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *