Thursday, November 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

माँ तुम

माँ तुम

रचयिता : वन्दना पुणतांबेकर

============================================

चुनाव के प्रचार प्रसार का जुलूस गॉव के कोने से गुजर रहा था। जुलूस की आवाजें सुनकर,काम से लौट रही माँ का हाथ छूटाकर भूरी आवाज़ की दिशा में भागी। सात साल की भूरी देखे ही देखते माँ की आँखों से ओझल हो गई। भूरी जब उस भीड़ में फस गई तो उसकी आँखों मे भय कॉप रहा था। वह बैचेन निगाहों से माँ को ढूंढने लगी। तभी एक व्यक्ति  भूरी को अकेला पा कर उसे फुसलाने की कोशिश करने लगा। इधर माँ चिंतित नज़रो से चारो ओर भूरी को ढूंढ रही थी। उसे भूरी कही भी नजर नही आई। तभी उसकी नजर एक व्यक्ति पर पड़ी वह भूरी का हाथ थामे उसे कुछ कह रहा था। लॉस्पिकर की आवाज में वह कुछ सुन ना सकी। भीड़ को चीरते हुए वह उस व्यक्ति तक पहुँची ओर जोर से उसके गाल पर तमाचा मारा वह उसके मन्तव्य को समझ चुकी थी। डरी सहमी भूरी माँ को देखते ही किसी कोमल फूल की तरह खिल उठी। ओर आत्मविश्वास के साथ माँ का हाथ पकड़ कर
बोली माँ तुम….

परिचय :- नाम:वन्दना पुणतांबेकर
जन्म तिथि : ५.९.१९७०
लेखन विधा : लघुकथा, कहानियां, कविताएं, हायकू कविताएं, लेख,
शिक्षा : एम .ए फैशन डिजाइनिंग, आई म्यूज सितार,
प्रकाशित रचनाये : कहानियां:- बिमला बुआ, ढलती शाम, प्रायचित्य, साहस की आँधी, देवदूत, किताब, भरोसा, विवशता, सलाम, पसीने की बूंद,,
कविताएं :- वो सूखी टहनियाँ, शिक्षा, स्वार्थ सर्वोपरि, अमावस की रात, हायकू कविताएं राष्ट्र, बेटी, सावन, आदि।
प्रकाशन : भाषा सहोदरी द्वारा सांझा कहानी संकलन एवं लघुकथा संकलन
सम्मान : “भाषा सहोदरी” दिल्ली द्वारा

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर कॉल करके सूचित अवश्य करें … और अपनी खबरें, लेख, कविताएं पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com सर्च करें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो SHARE जरुर कीजिये और खबरों के लिए पढते रहे hindirakshak.com  कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने मोबाइल पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक के ब्राडकॉस्टिंग सेवा से जुड़ने के लिए अपने मोबाइल पर पहले हमारा नम्बर ९८२७३ ६०३६० सेव के लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *