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मां की दुआ

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रूपेश कुमार
(चैनपुर बिहार)

मां की दुआओ से खुशियां भर जाती है,
मां बिना जन्म की कल्पना नहीं होती है,

मां दुनिया अनमोल होती है,
मां बिन जीवन है अधूरा,

मां ममता की मूरत होती है,
जिसमे स्वर्ग और दुनिया दिखती है,

मां धरती और चांद में दिखती है,
मां तारे और ग्रहों में दिखती है,

मां दिन कि सूरज होती है,
मां रोशनी की मूरत होती है,

मां के चरणों में जन्नत मिलती है,
मां के जीवन से आशा , विश्वास मिलती है,

मां विद्या का रूप होती है,
मां जीवन की धूप होती है,

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लेखक परिचय :- 
नाम – रूपेश कुमार छात्र एव युवा साहित्यकार
शिक्षा – स्नाकोतर भौतिकी, इसाई धर्म (डीपलोमा), ए.डी.सी.ए (कम्युटर), बी.एड (महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड यूनिवर्सिटी बरेली यूपी) वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी !
निवास – चैनपुर, सीवान बिहार
सचिव – राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान
प्रकाशित पुस्तक – मेरी कलम रो रही है
कुछ सहित्यिक संस्थान से सम्मान प्राप्त !


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