Saturday, September 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

मां तो बस मां होती है

श्रीमती शोभारानी तिवारी
इंदौर म.प्र.

********************

बच्चा जब जन्म लेता है तो सबसे पहले मां की गोद को ही अपनी दुनिया समझता है। मां बच्चे को दूध पिला देती है, और वह तृप्त हो जाता है। गोद में अपने आप को सुरक्षित महसूस करता है। मां का अर्थ है ममता का भाव। मां शब्द सुनकर खुशी होती है। मां तो अपने बच्चे को तब से प्यार करती है, जब बच्चा उसकी कोख में होता है। बच्चे की हर धड़कन में मां का श्वास होता है। बच्चा मां का स्पर्श पहचानता है। ईश्वर द्वारा प्रदत्त अनुपम कृति उपहार है मां ईश्वर नहीं तो ईश्वर ने अपनी जगह मां को ही भेज दिया। मां मामता और वात्सल्य से परिपूर्ण होती है। मां परिवार के नींव का पत्थर होती है, जिस पर परिवार रूपी महल मजबूती से खड़ा रहता है। मां बच्चे को सभ्यता और संस्कृति की घुट्टी पिला-पिला कर बड़ा करती है। मां मैं विनम्रता, दया, त्याग, करुणा क्षमा इत्यादि गुण विद्यमान होते हैं। मां अपने बच्चे को रोता हुआ देखकर व्याकुल हो जाती है। और उसकी एक हंसी पर अपना दुख दर्द सब भूल जाती है। मां में समर्पण की भावना होती है, और उनका मन फूलों से भी कोमल होता है मां अपने प्रेम की डोर से परिवार को बांधकर रखती है।
परिवार में रिश्तो में मिठास लाने के लिए वह हर बार सूत्रधार बन जाती है। ईश्वर ने नारी को बनाया है क्योंकि नारी के बिना इस सृष्टि की रचना संभव नहीं है, वही इस संसार की धूरी है, और बिना नारी के इस सृष्टि की कल्पना भी अधूरी सी लगती है। माँ ही बच्चों की प्रथम गुरु है और परिवार ही बच्चे का प्रथम पाठशाला है। यहीं पर बच्चा में प्रेम, त्याग, विनम्रता, शौर्य, आदि गुणों का विकास होता है। किसी ने सच ही कहा है कि केवल “मां “शब्द में पूरा ब्रह्मांड समाया हुआ है, बड़े-बड़े ऋषि मुनि भी मां के त्याग के आगे अपना शीश झुकाते हैं। मां के चरणों में जन्नत होता है, और जो भी उनके रजकण को अपने माथे से लगाते हैं वह अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते हैं। माँअपना हर वसंत अपने बच्चे पर निछावर कर देती है और खुद अपने जीवन को पतझड़ से भर देती है। पहला निवाला बच्चे को खिलाती है,और सब को तृप्त करने के बाद कुछ खाती है।
वर्तमान समय में बच्चा बड़ा होकर अपनी दुनिया में मस्त हो जाता है, और माता-पिता उसकी आंखों में किरकिरी की तरह चुभने लगते हैं। जिस छाती का दूध पिलाकर मां ने बड़ा किया, उसी की छाती में खंजर चुभता है। माँ ने लोरियां सुना-सुना कर जिसे सुलाया था वही उसे ताने सुनाता है। जिसे गिनती सिखाई थी, वही उनकी गल्तियाँ गिनाता है। उंगली पकड़कर मां ने चलना सिखाया था, वही बच्चा बड़ा होकर हाथ पकड़कर घर से बाहर निकाल देता है।और वृद्धाश्रम में छोड़ देता है।
मैं आज की पीढ़ी को एक नसीहत देना चाहती हूं, की माता-पिता को सताओगे तो खुद भी सुखी नहीं रह पाओगे। कहते हैं ना की जैसे बोवोगे वैसा ही काटोगे इसलिए वृद्ध माता-पिता को अपने मन मंदिर में रखना चाहिए। क्योंकि माता-पिता के आशीर्वाद से बढ़कर और कुछ नहीं होता है। याद रहे कि माता पिता की आंखों में कभी आंसू ना आए। माँ दुख और तकलीफ़ मिलने के बाद भी अपने बच्चों को कभी बद्दुआ नहीं देती है। क्योंकि मां तो बस मां होती है…..।।

.

परिचय :- श्रीमती शोभारानी तिवारी
पति – श्री ओम प्रकाश तिवारी
जन्मदिन – ३०/०६/१९५७
जन्मस्थान – बिलासपुर छत्तीसगढ़
शिक्षा – एम.ए समाजश शास्त्र, बी टी आई.
व्यवसाय – शासकीय शिक्षक सन् १९७७ से वर्तमान में शासकीय हिन्दी प्राथमिक विद्यालय क्र. ६४ इन्दौर में प्रधानाचार्य
किसी क्षेत्र में उपलब्धियों का विवरण –
श्रेष्ठ शिक्षक अवार्ड ५ सितंबर२०१५
उत्कृष्ट शिक्षक अवार्ड (आइसेक्ट यूनिवर्सिटी) २०१३
एक्सिलेंस टीचर्स अवार्ड (पत्रिका द्वारा) इंदौर २०१५
मालव रत्न अवार्ड इन्दौर २०१६
राज्य स्तरीय पुरस्कार दैनिक विनय उजाला २०१६
शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट सम्मान (साहित्य कलश द्वारा ) २०१८
प्रकाशित रचनाओं की संख्या – ६०
प्रकाशित पुस्तकों की संख्या – ०१
विधा – काव्य (एक उड़ान उन्मुक्त गगन में )

प्राप्त सम्मान :-
जे एम डी पब्लिकेशन द्वारा हिन्दी सेवी सम्मान (दिल्ली) २०१२
साहित्य रत्नाकर सम्मान (लखनऊ) २०१५
माहेश्वरी सम्मान (भोपाल) २०१५
डाँ. महाराज कृष्ण स्मृति सम्मान (शिलांग) २०१५ स्वर्ण पदक
विकल सम्मान (उत्तर प्रदेश) २०१६
विद्या वाचस्पति पुरस्कार (भागलपुर बिहार) २०१६
साहित्य भूषण एवं नारी रत्न सम्मान (रायपुर)
रविन्द्रनाथ ठाकुर सारस्वत साहित्य सम्मान (कोलकाता) २०१५
महिला गौरव सम्मान (खण्डवा) २०१७
१० कलमवीर सम्मान (ग्वालियर) २०१७
११ हिंदी रक्षक मंच इंदौर म.प्र. (hindirakshak.com) द्वारा – हिंदी रक्षक २०२० राष्ट्रीय सम्मान
कुल ४३ अवार्ड
काव्य पाठ का विवरण :-
आकाशवाणी से कविताओं का प्रसारण १६ वर्षों से
खण्डवा म. प्र.
कनाड़िया इन्दौर
स्मृति नगर इन्दौर
शिक्षक नगर इन्दौर
पत्रिका मेला इन्दौर
तिलक नगर इन्दौर
माण्डव जिला म. प्र. में
हिंदी रक्षक मंच द्वारा आयोजित अ. भा. कवि सम्मेलन में
घोषणा – मै घोषणा करती हूँ कि प्रेषित जीवन परिचय में मेरे द्वारा दी गई समस्त जानकारी पूर्णतया सत्य है। असत्य पाए जाने की दशा मे हम स्वयं जिम्मेदार होंगे।

 


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻  hindi rakshak manch 👈🏻 … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *