रचयिता : शिवम यादव ”आशा”
अब मुझे किस बात, की तन्हाई है
जब मेरे हिस्से में, मेरी माँ आई है
जब भी कोई मुसीबत
मुझे सताने लगे
माँ के चरणॊ में मेरा
ध्यान जाने लगे,
घर का कोना-कोना
मेरी माँ से सजा
देखकर मेरे मन ने
ये खुशी से अँगड़ाई ली है
अब मुझे किस बात, की,तन्हाई है
जब मेरे हिस्से में मेरी माँ आई है
आसमाँ भी खुशी
और जहाँ भी खुशी
मस्ती में झूमे पवन और रवि
अब फिर माँ की चर्चाएं
दुनियाँ में शुरू हुई हैं
अब मुझे किस बात, की तन्हाई है
जब मेरे हिस्से में, मेरी माँ आई है
रुचि :- अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !!
काव्य संग्रह :- ”राहों हवाओं में मन “
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