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मां

परमानंद निषाद
छत्तीसगढ, जिला बलौदा बाज़ार

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ममता की मूरत है मां।
भगवान की सूरत है मां।
तेरी आंचल में सारा जहां है।
मेरी प्यारी और न्यारी मां।
खुशियों का भंडार है मां।
तेरे बिना जीवन बेकार है मां।
मां की ममता है महान।
कैसे करूं तेरा गुणगान मां।
तुम ही दुर्गा,तुम ही काली।
तु चमकती आसमां की लाली।
दया,त्याग की मूरत है मां।
प्रेम की तु पूरक है मां।
भगवान का दिया हुआ।
अनमोल उपहार है मां।
मां के कदमों में स्वर्ग बसा।
मां से मिलता जीवन हमको।
इस जग में मां का स्थान।
सबसे प्यारी व ऊँचा होती है।
घर में मां भी बहु कहलाती है।
सौंदर्य से सारे जहां को जीत लाती है।
मां को नाराज करना हमारी भूल है।
मां के कदमों की मिट्टी जन्नत की धूल है।

परिचय :-परमानंद निषाद
निवासी – छत्तीसगढ, जिला – बलौदा बाज़ार


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