Thursday, November 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

मोबाईल महिमा

मोबाईल महिमा

==================================================

रचयिता : भारत भूषण पाठक

नहीं होता है तबतलक  सवेरा ।
धरे मोबाईल जबतलक न इन्सान ।।
रात से दिन तक जब तक न थकले।
मोबाईल पकड़ा रहता है इन्सान ।।
छुप-छूपाकर वॉट्सऐप खोले।
मैशेज देख ही कुछ भी बोले।।
पहले मोबाईल को खोले सुबह-शाम।
तब ही कर सके कोई भी दूजा काम।।
मिल जाए कोई त्योहार या छुट्टी ।
चाहे दुनिया से ही हो जाय कुट्टी ।।
मैशेज टपक रहे हैं हर पल तड़-तड़।
मानो बह रही हो झरना कल-कल।।
सर पे परीक्षा का फूटने को चाहे ही हो बम।
पर वाट्सएप ग्रुप में दिखना है हरपल हरदम।।
माता-पिता हैं खूब हरदम गुस्साते।
परीक्षा के भय से प्रतिदिन खूब डराते ।।
नेत्रज्योति चाहे होता जाय हरपल गौण।
सोशल मीडिया पर रहना ही है औण।।
लेखक परिचय :- 
नाम – भारत भूषण पाठक
लेखनी नाम – तुच्छ कवि ‘भारत ‘
निवासी – ग्राम पो०-धौनी (शुम्भेश्वर नाथ) जिला दुमका(झारखंड)
कार्यक्षेत्र :- आई.एस.डी., सरैयाहाट में कार्यरत शिक्षक
योग्यता – बीकाॅम (प्रतिष्ठा) साथ ही डी.एल.एड.सम्पूर्ण होने वाला है।
काव्यक्षेत्र में तुच्छ प्रयास :- साहित्यपीडिया पर मेरी एक रचना माँ तू ममता की विशाल व्योम को स्थान मिल चुकी है काव्य प्रतियोगिता में।

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर कॉल करके सूचित अवश्य करें … और अपनी खबरें, लेख, कविताएं पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com सर्च करें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और खबरों के लिए पढते रहे hindirakshak.com  कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने मोबाइल पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक के ब्राडकॉस्टिंग सेवा से जुड़ने के लिए अपने मोबाइल पर पहले हमारा नम्बर ९८२७३ ६०३६० सेव के लें फिर उस पर अपना नाम और प्लीज़ ऐड मी लिखकर हमें सेंड करें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *