Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

आईना

अमिता मराठे
इंदौर (मध्य प्रदेश)
********************

बहुत दिनों से कमरे में पड़े आईने को देखा ही नहीं था। शायद वह बुला रहा है, मन विचलित हुआ। धीरे से उसे उठाया ऊपर धूल की परत जमी थी। साड़ी के पल्लू से ही धूल साफ की।
“अचानक अतीत ने मुस्कराते हुए हाथ पकड़ लिया।” अरे! अभी कुछ जिन्दगी बाकी है। आईना तो देख लिया करो।
“खुश हो ना ! “हां हां, सब चित्र सामने है, वो देखो कहते, मैंने कार स्टार्ट करती मधु की ओर संकेत किया।’
आई ! ‘मैं दोस्त के साथ घूमने जा रही हूं, दस बजे तक लौट आऊंगी।” कार से जाती हुई मधु को मैंने दरवाजे की आड़ से देख लिया था। बीए एल एल बी कर रही मधु राष्ट्रीय खिलाड़ी, स्व. निर्णय की धनी तथा बड़ी समझदार पोती का मुझे गर्व था। उसकी हर हरकतें मेरी जिन्दगी से मिली जुली थी। फर्क इतना ही था उसे उसकी प्रत्येक ख्वाइश पूरी करने के अवसर थे, आधुनिक साधन उपलब्ध थे समाज की हर गतिविधि से वह परिचित थी। दोस्तों के साथ घूमना, खेल कूद की प्रतियोगिताओं में शामिल होने के लिए पूरा भारत घूमना, फर्क इतना ही था कि हमें एक जोड़ी स्कर्ट में तथा एक जोड़ी चप्पल से घर में मिलजुलकर काम चलाना पड़ता था। लेकिन बहुत खुश थे। गरीब नहीं कहते बारह जनों का परिवार कैसे चलाना हमारे पिता श्री ने बख़ूबी सिखाया था। फिर सजना-संवरना तो दूर की बात थी‌।
देखो! “मधु कितनी स्वस्थ और सुंदर है “।
मैं नाक नक्शी से इतनी आकर्षक तो नहीं लेकिन स्वस्थ और कबड्डी पहलवान थी। राष्ट्रीय खिलाड़ी होने के कारण गली गली-गली पहचान थी। बिल्कुल मधु जैसी, फर्क बस इतना ही है कि इसका बेडमिंटन पैसों वाला खेल और मेरा मैदानी था।
आईना, पूरा साफ़ कर यथास्थान रखते हुए सुना आईना कुछ कह रहा है, “हां तो सुनो इस नई पीढ़ी में स्वयं को देखते हुए खुश रहना जिसने सीखा, समझ लो उसने जिन्दगी की जंग जीत ली है।
“यही कहने मैं आया था”।
“आईना मुस्करा रहा था।” या फिर मैं आईने में देख मुस्करा रही थी।

परिचय :- अमिता मराठे
निवासी : इन्दौर, मध्यप्रदेश
शिक्षण : प्रशिक्षण एम.ए. एल. एल. बी., पी जी डिप्लोमा इन वेल्यू एजुकेशन, अनेक प्रशिक्षण जो दिव्यांग क्षेत्र के लिए आवश्यक है।
वर्तमान में मूक बधिर संगठन द्वारा संचालित आई.डी. बी.ए. की मानद सचिव।
४५ वर्ष पहले मूक बधिर महिलाओं व अन्य महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए आकांक्षा व्यवसाय केंद्र की स्थापना की। आपका एकमात्र यही ध्येय था कि महिलाओं को सशक्त बनाया जा सके। अब तक आपके इंस्टिट्यूट से हजारों महिलाएं सशक्त हो चुकी हैं और खुद का व्यवसाय कर रही हैं।
शपथ : मैं आगे भी आना महिला शक्ति के लिए कार्य करती रहूंगी।
प्रकाशन :
१ जीवन मूल्यों के प्रेरक प्रसंग
२ नई दिशा
३ मनोगत लघुकथा संग्रह अन्य पत्र पत्रिकाओं एवं पुस्तकों में कहानी, लघुकथा, संस्मरण, निबंध, आलेख कविताएं प्रकाशित राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था जलधारा में सक्रिय।
सम्मान :
* मानव कल्याण सम्मान, नई दिल्ली
* मालव शिक्षा समिति की ओर से सम्मानित
* श्रेष्ठ शिक्षक सम्मान
* मध्यप्रदेश बधिर महिला संघ की ओर से सम्मानित
* लेखन के क्षेत्र में अनेक सम्मान पत्र
* साहित्यकारों की श्रेणी में सम्मानित आदि


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें...🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *