Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

सूक्ष्म पुरुस्कार

गौरव हिन्दुस्तानी
बरेली (उत्तर प्रदेश)
********************

युगों-युगों से
अडिग खड़े हो,
भयंकर आँधियों में,
भीषण तूफ़ानों में,
बारिशों में,
विनाशकारी ओलावृष्टियों में,
और तनिक भी न हिले
हलाचला आने के बाद भी नहीं,
प्रतिवर्ष, प्रतिदिन
प्रतिपल
देते रहे तुम,
शीतल छाया, प्राणदायिनी वायु
सभी को,
और देते रहे
अनुमति पक्षियों को,
घोसले बनाने की
अपनी विशाल शाखाओं पर
बाँधें रहे मिट्टी के
एक-एक कण को,
अपनी जड़ों से,
ऐसी श्रेष्ठतम, सर्वोत्तम,
निस्वार्थ सेवा पर,
हे बरगद के प्राचीन विशाल वृक्ष
मैं अलंकृत करता हूँ तुम्हें
पद्मश्री, पद्मविभूषण तथा
भारत रत्न जैसे
सूक्ष्म पुरुस्कारों से।

परिचय :- गौरव हिन्दुस्तानी
निवासी : बरेली उत्तर प्रदेश
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमेंhindirakshak17@gmail.comपर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … 🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻  hindi rakshak manch 👈🏻 … राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे सदस्य बनाएं लिखकर हमें भेजें… 🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *