Saturday, September 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

होना था जो साथ मेरे हो गया

प्रमोद त्यागी (शाफिर मुज़फ़्फ़री)
(मुजफ्फरनगर)

********************

होना था जो साथ मेरे हो गया
क्या बतायें क्या मिला क्या खो गया

आज फिर दीया जला है कब्र पर
हो ना हो वो आज फिर से रो गया

भूखे बच्चे को सुनाकर लोरियां
माँ ने देखा रोते रोते सो गया

उम्र गुज़री पूरी तब आया समझ
आज तक आया नहीं है जो गया

हर तरफ काँटों का जंगल है यहाँ
कौन था जो बीज ऐसे बो गया

छिननें की ज़िद तो बस ज़िद रह गयी
जिसका जो उसको मुबारक हो गया

तुनें “शाफिर” जो किये मैले गुनाह
आँख का इक आँसू सब कुछ धो गया

.

लेखक परिचय :- प्रमोद त्यागी (शाफिर मुज़फ़्फ़री)
ग्राम- सौंहजनी तगान
जिला- मुजफ्फरनगर
प्रदेश- उत्तरप्रदेश


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *