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मातृ पद महान

मातृ पद महान

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रचयिता : मनोरमा जोशी

माँ का पद है जगत में ,
सब से क्षेष्ठ महान ।
 न्याय प्रेम निस्वार्थता ,
जग को किया प्रदान ।
उच्च मातृ पद ने दिया ,
नैसर्गिक उपदान ,
अधिकारिक निःस्वार्थता ,
आधिकाधिक बलिदान ।
माताओँ मे प्रेम  का ,
 कीर्तिमान  निर्धार ,
किया वहीं है वस्तुतः ,
 जग जीवन आधार ।
माँ की ममता आंव कुऐं
सी झर झर झरती जायें ,
कभी छोर न पाये ।
हर दिन हर पल  हम ,
मातृ दिवस मनाऐं
लेखिका का परिचय :-  श्रीमती मनोरमा जोशी का निवास मध्यप्रदेश के इंदौर में है। आपका साहित्यिक उपनाम ‘मनु’ है। आपकी जन्मतिथि १९ दिसम्बर १९५३ और जन्मस्थान नरसिंहगढ़ है। शिक्षा-स्नातकोत्तर और संगीत है। कार्यक्षेत्र-सामाजिक क्षेत्र-इन्दौर शहर ही है। लेखन विधा में कविता और लेख लिखती हैं।विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी लेखनी का प्रकाशन होता रहा है। राष्ट्रीय कीर्ति सम्मान सहित साहित्य शिरोमणि सम्मान और सुशीला देवी सम्मान प्रमुख रुप से आपको मिले हैं। उपलब्धि संगीत शिक्षक,मालवी नाटक में अभिनय और समाजसेवा करना है। आपके लेखन का उद्देश्य-हिंदी का प्रचार-प्रसार और जन कल्याण है। कार्यक्षेत्र इंदौर शहर है। आप सामाजिक क्षेत्र में विविध गतिविधियों में सक्रिय रहती हैं। एक काव्य संग्रह में आपकी रचना प्रकाशित हुई है।

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